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कांग्रेस हाईकमान स्वयं उलझा, सिद्धू के इस्तीफे पर कौन करेगा फैसला?

चंडीगढ़: पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे की खबर के बाद पंजाब के राजनीतिक हलकों में जोरदार चर्चा छीड़ी हुई है। यही नहीं कांग्रेस पार्टी में भी अजीब स्थिति बन चुकी है। राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद स्वयं लीडरशिप संकट में है, उस समय राजनीतिक हलकों में सवाल उठ रहा है कि ऐसी स्थिति में सिद्धू के इस्तीफे पर फैसला कौन करेगा?
वर्णनयोग्य है कि कांग्रेस हाईकमान की लीडरशिप का अस्तितव न होने के कारण गंभीर संकट बना हुआ है, वहीं पंजाब कांग्रेस की भी हालत ऐसी ही है। गुरदासपुर लोकसभा चुनाव हारने के बाद सुनील जाखड़ अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं और वह सिद्धू या अन्य मामले में टिप्पणी के लिए तैयार नहीं हैं। सिद्धू पंजाब पहुंचने के बावजूद किसी के साथ भी बात करने के लिए तैयार नहीं हैं और उन्होंने अमृतसर वाले रिहायशी स्थान पर भी मीडिया की एंट्री बंद की हुई है। शिअद-भाजपा ने इस्तीफा पहले पार्टी अध्यक्ष को भेजने को लेकर सिद्धू पर तीखे निशाने लगाए और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र का रुख भी उनके प्रति बदला दिखाई नहीं दे रहा है।

कैप्टन अमरेंद्र ने राहुल गांधी से समय मांगा
सिद्धू द्वारा इस्तीफा पहले राहुल गांधी को और अब मुख्यमंत्री को भेजे जाने के बाद राजनीतिक स्थितियां बदल गई हैं। मुख्यमंत्री के लिए भी सिद्धू को मंत्रिमंडल से बाहर करने के लिए रास्ता आसान हो गया है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने राहुल गांधी के साथ मुलाकात के लिए समय मांगा है। इसके बाद सिद्धू का मामला किसी किनारे लग सकता है। राहुल के साथ मुलाकात नहीं होती है तो मामला कुछ दिनों के लिए लटक भी सकता है। चाहे राहुल ने इस्तीफा दिया है, परंतु कांग्रेस में गांधी परिवार की ही चलती है जिस कारण वह राहुल की मंजूरी चाहते है।

‘आप’, खैहरा और बैंस द्वारा सिद्धू पर डोरे डालने का प्रयास
आम आदमी  पार्टी, सुखपाल खैहरा और सिमरजीत सिंह बैंस के दलों द्वारा सिद्धू को पार्टी में शामिल होने की पेशकशें जोर पकड़ रही हैं। तीसरे और चौथे मोर्चे के साथ संबंधित पार्टियों द्वारा सिद्धू की प्रसिद्धी को देख उन्हें अपना चेहरा बनाने के लिए डोरे डालने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह पार्टियां सिद्धू को कांग्रेस छोडऩे की सलाह भी दे रही हैं।
कई मंत्री विरोध मेें, कुछ अभी भी सुलह सफाई के पक्ष में
वर्णनयोग्य है कि कैप्टन अमरेंद्र और कई मंत्री सिद्धू की छुट्टी के पक्ष में हैं, वहीं कुछ मंत्री ऐसे भी हैं, जो अभी भी सुलह-सफाई के हक में हैं। ब्रह्म मोहिंद्रा, साधू सिंह धर्मसोत, चरनजीत सिंह चन्नी ने भारत भूषण आशू जहां खुल कर विरोध में उतर रहे हैं, वहीं मनप्रीत बादल, विजय इंद्र सिंगला, बलबीर सिद्धू, आदि टिप्पणी से भी बच रहे हैं। तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखजिंदर रंधावा और रजिया सुल्ताना अभी भी सिद्धू को पद संभालने की ही सलाह दे रहे हैं

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