ब्रेकिंग
छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को दीपावली गिफ्ट, 17-18 अक्टूबर को वेतन, दैनिक वेतनभोगियों को भी भुगतान जैसलमेर हादसा: 'मानक ताक पर रखकर बनी थी बस', जांच कमेटी ने माना- इमरजेंसी गेट के सामने लगाई गई थी सी... 'कांतारा चैप्टर 1' ने किया गर्दा! 15 दिन में वर्ल्डवाइड ₹679 करोड़ पार, विक्की कौशल की 'छावा' से महज... वेनेजुएला पर ऑपरेशन से तनाव: दक्षिणी कमान के प्रमुख एडमिरल होल्सी ने कार्यकाल से पहले दिया इस्तीफा, ... शेयर बाजार में धन वर्षा! सिर्फ 3 दिनों में निवेशकों की संपत्ति ₹9 लाख करोड़ बढ़ी, सेंसेक्स और निफ्टी... त्योहारी सीजन में सर्वर हुआ क्रैश: IRCTC डाउन होने से टिकट बुकिंग रुकी, यात्री बोले- घर कैसे जाएंगे? UP पुलिस को मिलेगी क्रिकेटरों जैसी फिटनेस! अब जवानों को पास करना होगा यो-यो टेस्ट, जानिए 20 मीटर की ... दिन में सोना अच्छा या बुरा? आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान क्या कहता है, किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए 'द... प्रदूषण का 'खतरा' घर के अंदर भी! बढ़ते AQI से बचने के लिए एक्सपर्ट के 5 आसान उपाय, जानें कैसे रखें ह... शरीयत में बहुविवाह का नियम: क्या एक मुस्लिम पुरुष 4 पत्नियों के होते हुए 5वीं शादी कर सकता है? जानें...
देश

यौन शोषण मामले में पत्रकार तरुण तेजपाल को बड़ी राहत, आठ साल बाद सेशन कोर्ट ने सभी आरोपों से किया बरी

पणजी। तहलका मैगजीन के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल को दुष्कर्म मामले में गोवा कोर्ट ने बरी कर दिया है। तरुण तेजपाल के खिलाफ गोवा के एक लग्जरी होटल की लिफ्ट में अपनी एक महिला सहयोगी के साथ यौन प्रताड़ना करने का आरोप था। गोवा पुलिस ने तेजपाल के खिलाफ नवंबर 2013 में एफआइआर दर्ज की थी। मई 2014 से वह जमानत पर बाहर हैं। गोवा की अपराध शाखा ने तेजपाल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

29 सितंबर, 2017 को अदालत ने उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाया था, जिसमें बलात्कार, यौन उत्पीड़न और गलत तरीके से बंधक बनाना शामिल है। हालांकि, उन्होंने अपने आप क निर्दोष बताया था। आरोप तय होने के बाद तेजपाल ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। अगस्त में, शीर्ष अदालत ने आरोपों को रद्द करने से इनकार कर दिया और मुकदमे को छह महीने के भीतर समाप्त करने का निर्देश दिया।

इससे पहले अतिरिक्त जिला सत्र कोर्ट की न्यायाधीश क्षमा जोशी ने फैसला स्थगित कर दिया था। इस दौरान अदालत ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण कर्मचारियों की कमी को देखते हुए फैसला टाला जा रहा है। इस दौरान अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ तेजपाल कोर्ट में मौजूद थे। कोर्ट से बाहर आते समय तेजपाल ने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मामला विचाराधीन है।

Related Articles

Back to top button