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सिलगेर पर सरकार सख्त, मंत्री चौबे बोले छह कैंप और खोलेंगे

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर के बार्डर सिलगेर में आदिवासियों के विरोध पर अब सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। सिलगेर में सीआरपीएफ कैंप खोलने का 12 मई से विरोध कर रहे आदिवासियों को सरकार ने साफ संकेत दे दिया है कि किसी भी कीमत पर कैंप नहीं हटाया जाएगा। सरकार के प्रवक्ता और मंत्री रविंद्र चौबे ने शनिवार को मीडिया से चर्चा में कहा कि सरकार उसी इलाके में छह और कैंप बनाएगी।

सिलगेर में कैंप बनाया जा रहा था। वहां किन लोगों के द्वारा विरोध किया गया, यह बहुत स्पष्ट है। केवल सिलगेर का मामला नहीं है। आने वाले दिनों में हम उसके आगे के रास्ते में छह और कैंप बना रहे हैं। मंत्री चौबे के बयान से साफ हो गया कि आदिवासियों की नाजायज मांग को सरकार मानने के पक्ष में नहीं है। सिलगेर में तीन आदिवासियों की मौत की दंडाधिकारी जांच चल रही है। इस बीच, आदिवासी सड़क को रोककर खड़े हैं। नक्सलियों का नाम लिए बिना मंत्री चौबे ने इशारों-इशारों में सरकार का इरादा जता दिया है।

वहीं, पुलिस भी सिलगेर में प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों का समर्थन करने वालों का खुफिया इनपुट तैयार कर रही है। देशभर के आदिवासी समाज के नेता इसे समाज पर अत्याचार के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। इन नेताओं की हरकतों पर खुफिया विभाग ने निगरानी शुरू कर दी है। पुलिस मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो नक्सलियों के शहरी समर्थक इस मामले को तूल दे रहे हैं।

बताया जा रहा है कि सुकमा के सिलगेर से बीजापुर के तर्रेम तक एक सड़क बन रही है। इस सड़क का आगे भी विस्तार होना है। नक्सली प्रभाव वाले इलाके में इस सड़क की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के कैंप की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। सरकार को लगता है कि अगर कैंप नहीं बन पाए तो सड़क बनाना मुश्किल हो जाएगा।

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