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कर्नाटक का नाटकः 13 माह पुरानी गठबंधन सरकार की उलटी गिनती शुरु

बेंगलुरुः कर्नाटक में राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी को शुक्रवार को डेढ़ बजे तक विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के निर्देश के बाद राज्य में 13 माह पुरानी कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार की उलटी गिनती शुरु हो चुकी है। विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार की मंजूरी के बाद कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था लेकिन इस पर ना तो बहस करायी जा सकी और ना ही मतदान हो सका। इसके बाद राज्यपाल ने श्री कुमारस्वामी को आज डेढ़ बजे तक विश्वास मत प्रस्ताव को निपटाने का निर्देश जारी किया।

दरअसल कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि अपनी पार्टी के सदस्यों को व्हिप जारी करने के संवैधानिक अधिकार में उच्चतम न्यायालय ने कटौती कर दी है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके 10 बागी विधायकों पर विधानसभा के सत्र में शामिल होने के लिए दबाव नहीं डाला जाना चाहिए।

कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारामैया ने यह मसला उठाते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के निर्णय से मेरे और राजनीतिक पार्टियों के अधिकारों का हनन हुआ है। उन्होंने कहा,‘‘चुनाव जीतने के बाद यदि कोई विधायक अपनी पार्टी के निर्देशों की अवहेलना करता है तो इससे गलत मिसाल कायम होगी।’’विपक्षी नेता बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा सदस्यों ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अध्यक्ष और सत्तारुढ़ पार्टी के सदस्य गठबंधन सरकार को तत्काल पतन से बचाने के लिए विलंब की रणनीति अपना रहे हैं। उन्होंने इसके विरोध में रात भर सदन में रहकर बिताया।

राज्यपाल के अध्यक्ष द्वारा इस मुद्दे को उठाने और शाम तक निर्णय लेने के निर्देश के बावजूद कुमार ने विश्वास मत के प्रस्ताव को पेश करने तथा उस पर बहस कराने में देरी की। भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल के मुलाकात करने और उनसे हस्तक्षेप की अपील करने के बाद राज्यपाल ने निर्देश जारी किये। राज्यपाल ने गुरुवार की रात में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आज (शुक्रवार) दोपहर 1.30 बजे से पहले सदन में अपनी सरकार के बहुमत साबित करने के लिए कहा। कुमारस्वामी ने मांग की कि प्रस्ताव को मतदान के लिए रखा जाना चाहिए क्योंकि लोगों को तथ्यों का पता होना चाहिए और विपक्ष के नेता येद्दियुरप्पा के सुझाव के अनुसार तुरंत मतदान नहीं कराया जाना चाहिए।

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