भाजपा की लोकसभा में सीटें बढ़ाने की नई राजनीति

जालंधर: भारतीय जनता पार्टी संसद में मौजूद अपने राज्यसभा सदस्यों के माध्यम से लोकसभा की राजनीति करने की योजना बना रही है। पार्टी के राज्यसभा सदस्यों को सीधा जनसम्पर्क के लिए मैदान में उतार दिया गया है। पार्टी के 78 राज्यसभा सांसद उन 100 लोकसभा क्षेत्रों में पदयात्रा करेंगे, जिनमें भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ी थी लेकिन जीत नहीं सकी थी। पार्टी ने ऐसे क्षेत्रों की पहचान करके अपने राज्यसभा सांसदों से इन क्षेत्रों में 2 अक्तूबर से लेकर 31 अक्तूबर के बीच पदयात्रा करने को कहा है। बताया जा रहा है कि अगले चरण में इन राज्यसभा सांसदों को मिलने वाली सांसद निधि भी ऐसे क्षेत्रों में खर्च करने को कहा जाएगा जिनमें भाजपा के लोकसभा सदस्य नहीं हैं। हर सांसद को साल में 5 करोड़ रुपए की सांसद निधि मिलती है और यह सांसद निधि इन्हीं क्षेत्रों पर खर्च किए जाने की योजना है।
ऑप्रेशन कमल से राज्यसभा में बहुमत
भाजपा ने कर्नाटक में हाल ही में ऑप्रेशन कमल शुरू किया है और इस ऑप्रेशन के जरिए ही पार्टी ने कांग्रेस व जे.डी.एस. के 16 विधायकों का इस्तीफा करवा दिया। अब यही ऑप्रेशन कमल राज्यसभा में भी देखने को मिल रहा है। संसद के उच्च सदन में भाजपा के पास बहुमत नहीं है और पार्टी को कई अहम बिल पास करवाने हैं, लिहाजा भाजपा अन्य पाॢटयों के राज्यसभा सदस्यों को तोडऩे की रणनीति पर काम कर रही है।
पिछले महीने में पार्टी ने टी.डी.पी. के 4, इनैलो के एक राज्यसभा सदस्यों को पार्टी में शामिल करवाया है। इन सांसदों पर दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होगा क्योंकि टी.डी.पी. के 6 में से 4 सदस्य टूटे हैं जबकि इनैलो का इकलौता विधायक ही भाजपा में शामिल हो गया है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर ने पार्टी और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इस सीट पर उपचुनाव होने की स्थिति में यह सीट भाजपा के खाते में जाएगी। बताया जा रहा है कि सपा के दो और टी.आर.एस. व राजद का एक सांसद भी भाजपा के सम्पर्क में है। इस तरह से भाजपा ने राज्यसभा में 10 सदस्यों के समर्थन का जुगाड़ लगाया है।
इस समय संसद में भाजपा के 78 सदस्य हैं जबकि उसकी सहयोगी ए.आई.ए.डी.एम.के. के 13, शिवसेना व अकाली दल के 3-3 और जनता दल यू के 6 सदस्य हैं। हालांकि जद (यू) के प्रधान व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी केन्द्र सरकार में शामिल नहीं है लिहाजा उनके राज्यसभा सदस्यों के समर्थन की गारंटी नहीं है। इसके अलावा पार्टी को 3 नामांकित सदस्यों के अलावा आर.पी.आई., एन.पी.एफ., बी.पी.एफ. और एस.डी.एफ. के एक-एक सदस्य और 4 आजाद सदस्यों का भी समर्थन हासिल है। इस लिहाज से राज्यसभा में भाजपा के पास 114 सदस्यों का समर्थन बनता है जबकि पार्टी द्वारा अन्य पार्टियों से शामिल किए गए सदस्यों का समर्थन जोड़ दिया जाए तो भाजपा 124 सदस्यों तक पहुंचती है। मौजूदा समय में राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 140 है और बहुमत का आंकड़ा 121 बनता है, ऐसे में ऑप्रेशन कमल के लिए भाजपा राज्यसभा में बहुमत के करीब पहुंचती नजर आ रही है।