अहमदाबाद| गुजरात चुनाव क पहले चरण के बाद अब दूसरे चरण के लिए राजनीतिक दलों के बीच घमासान तेज हो गया है| पहले चरण में 1 दिसंबर को 89 सीटों पर मतदान होना है जबकि दूसरे दौर में 5 दिसंबर को मतदान होगा| दूसरे चरण के लिए महीसागर जिले के कडाणा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासी गरीब शोषित और वंचितों के नाम पर केवल राजनीति की है| जबकि भाजपा सरकार ने नर्मदा में बिरसा मुंडा यूनिवर्सिटी गोधरा में गुरु गोविंद यूनिवर्सिटी समेत आदिवासियों की संतानों की शिक्षा के लिए अनेक संस्थाओं की स्थापना की है| उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भूतकाल में आदिवासियों के लिए केवल 900 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था| जबकि भूपेन्द्र पटेल की सरकार ने आदिवासियों के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है| भाजपा सरकार ने वनबंधु कल्याण योजना शुरू की जिसके जरिए आदिवासी इलाकों में रोजगार बिजली सड़कें और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गईं| गांव-गांव शिक्षा स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई और आदिवासी क्षेत्रों के सभी गांव सड़कों से जोड़े| उन्होंने लोगों से कहा कि कांग्रेस जब वोट मांगने आए तब उसेक काम के बारे में सवाल जरूर करना| अमित शाह ने कहा कि कोरोनाकाल के दौरान कांग्रेस ने वैक्सीन को लेकर भी राजनीति की थी| जबकि भाजपा सरकार ने वैक्सीनेशन के साथ ही अनाज देने की चिंता की थी|
Breaking
लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण की वो 54 सीटें, जो तय करेंगी 2024 के सत्ता का भविष्य
‘मना किया पर अब्बा नहीं माने…’, अतीक के बेटे का बयान खोलेगा उमेशपाल हत्याकांड का बड़ा राज
लगता है मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था…मालदा में ऐसा क्यों बोले पीएम मोदी?
20 साल में सबसे ज्यादा सर्च किया गया Inheritance Tax, सैम पित्रोदा भी 5 साल में रहे टॉप पर
कर्नाटक ही नहीं, इन 4 राज्यों में भी OBC में शामिल हैं सभी मुस्लिम, देश में क्या है व्यवस्था?
Everest या MDH के मसाले ही नहीं, बादाम से अश्वगंधा तक इन 527 भारतीय प्रोडक्ट्स में भी मिला एथिलीन ऑक...
अमेठी से राहुल और रायबरेली से प्रियंका गांधी लड़ेंगी चुनाव? अखिलेश ने खोल दिए पत्ते
राजस्थान में ऑडियो टेप कांड पर पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा-युवाओं की क्षमता को बर्बाद कर दिया
‘जम्मू-कश्मीर मुश्किल समय में है, मैं बेजुबानों की आवाज बनने आई हूं’, राजौरी में बोलीं महबूबा मुफ्ती
ऑफिस में लोग मुझे बुजुर्ग कहते, तंज कसते, आखिर 25 की उम्र में बदलवाने पड़े घुटने, एक युवा का दर्द