यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर इंप्लाइज एवं इंजीनियर्स के बैनरतले यह आंदोलन शुरू होगा। प्रदेश संयोजक वीकेएस परिहार ने बताया कि मांगों को लेकर पिछले छह साल से से आंदोलन कर रहे हैं। पूर्व के आंदोलन के दौरान ऊर्जा मंत्री एवं अफसरों ने आश्वासन दिए। बावजूद मांगें पूरी नहीं हुई। उल्टे कर्मचारियों पर कार्रवाई जारी है।

आउटसोर्स कर्मचारियों को संविलियन करते हुए कार्यावधि एवं वरिष्ठता के अनुसार वेतनवृद्धि प्रदान करते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित करने की नीति बनाई जाए। 20 लाख रुपए तक दुर्घटना बीमा भी कराया जाए। पुरानी पेंशन बहाल की जाए। ताकि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी और उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सके। वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए कमेटी बनाई जाए। कई वर्षों से लंबित फ्रिंज बेनिफिटस का पुर्ननिरीक्षण करते हुए सभी अधिकारी-कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लिए केसलेस मेडिक्लेम पॉलिसी लागू की जाए।
संयोजक परिहार ने बताया कि यदि 6 जनवरी तक मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो 9 जनवरी से सभी कार्यों का बहिष्कार कर देंगे। यह बहिष्कार अनिश्चितकालीन चलेगा।