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भागी हुई लड़कियों को बिहार के डीजीपी का संदेश, यूं जो छोड़ कर तुम जाओगे, बड़ा पछताओगे

मुजफ्फरपुर। सीएम नीतीश कुमार समाज सुधार अभियान के क्रम में राज्य के विभिन्न भागों में जा रहे हैं। वे आज समस्तीपुर में हैं। यहां समाज सुधार अभियान के पांचवें चरण का उन्होंने शुभारंभ किया। इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए डीजीपी एसके सिंघल ने समाज में बढ़ रहे अपराध के नए रूप के बारे में लोगों को जानकारी दी। उन्होंने युवाओं के क्राइम की दुनिया में आने पर चिंता प्रकट की। माता-पिता की इच्छा के खिलाफ घर से भागकर शादी करने की प्रवृति के बढ़ने पर भी अफसोस का इजहार किया। साथ में माता-पिता को भी उन्होंने इस स्थिति से बचने के बारे में सलाह दी। परिवार के डोर को मजबूत करने के उपायों के बारे में बताया। देह व्यापार के धंधे में उतार दिया जाता
डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि अपराध के नए रूप सामने आने लगे हैं। इससे पुलिस तो निपट रही ही है, लेकिन अभिभावकों को भी इसके प्रति सजग होना होगा। कहा, अभी बेटियों में घर से भागकर शादी करने की प्रवृति तेजी से बढ़ी है। वे माता-पिता को बिना बताए भागकर शादी कर ले रही हैं। बाद में इसके बहुत ही बुरे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। एक ओर जहां उनका अपने परिवार से दुराव हो जा रहा है वहीं दूसरी ओर बहुत ही खराब स्थिति से गुजरनी पड़ती है। कई लड़कियों को तो देह व्यापार के धंधे में उतार दिया जाता है। कई मामलों में लड़कियों का साथी अकेले छोड़कर भाग जाता है। जिसके उनकी भावी जिंदगी कष्टकारी हो जाती है। यह न केवल उनके लिए वरन पूरे परिवार के लिए बहुत ही पीड़ा देने वाला होता है।

माता-पिता थोड़े सजग हों

डीजीपी ने अपराध की दुनिया में कम उम्र के लड़कों के आने पर भी अफसोस प्रकट किया। कहा, यदि माता-पिता थोड़े सजग हों तो इस तरह की परेशानी कम हो सकती है। जब कभी कोई बच्चा या बच्ची स्कूल या कालेज से लौटकर आए तो उससे रोज बात करें। वह किससे मिल रही है? कौन उसकी दोस्त बनी? उसके दिमाग में क्या कुछ चल रहा है? कोई उसे परेशान तो नहीं कर रहा? इस तरह के सवाल करने से वह सबकुछ बता देगी और परिवार असहज हालत में जाने से बच जाएगा। इसी तरह की चीज लड़कों के लिए भी हाेनी चाहिए।

सही से व‍िकास नहीं हो पा रहा 

मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने सुंदर लाल बहुगुणा के चिपको आंदोलन के संस्मरणों को सुनाते हुए कहा कि यदि आपके समाज में यदि कोई शराब से चिपके मिले तो आप भी उस आंदोलन की शुरुआत करें। उसके बाद यह प्रभावी होगा। हमारे समाज का विकास तबतक नहीं होगा जबतक समग्र विकास नहीं हो। जबतक महिला का विकास नहीं होगा तबतक परिवार और समाज का विकास कैसे होगा। उत्तर बिहार में आज भी दहेज प्रथा का बोलबाला है। यही कारण है कि आज समाज विकसित तो हो रहा है लेकिन आज हम वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं जहां हमें पहुंचना चाहिए था। इसके पीछे बाल-विवाह और दहेज भी एक वजह है। यदि हम लड़की के पिता को दहेज वाले पैसे को उनके सुपोषण और पढ़ाई के लिए खर्च करने की छूट दे दें तो दिशा बदल जाएगी।

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