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गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना का रास्ता साफ, सेबी के मध्यवर्ती के तौर पर काम करेंगे वाल्ट मैनेजर

नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने वाल्ट (तिजोरी) प्रबंधन नियमों को अधिसूचित कर दिया है। इसके तहत शेयर बाजारों को देश में गोल्ड (स्वर्ण) एक्सचेंज स्थापित करने की अनुमति होगी। सेबी के निदेशक मंडल ने इससे पहले पिछले साल सितंबर में गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा था कि सेबी ही गोल्ड एक्सचेंज का नियामक होगा।गोल्ड एक्सचेंज में सोने का कारोबार इलेक्ट्रानिक गोल्ड रिसीट (ईजीआर) के तौर पर होगा।

सोने का ‘प्रतिनिधित्व’ करने वाले ‘माध्यम’ को ईजीआर कहा जाएगा और इन्हें सिक्युरिटीज के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। इन ईजीआर में अन्य सिक्युरिटीज की तरह ही ट्रेडिंग, क्लियरिंग और सेटलमेंट की गतिविधियां होंगी। सेबी ने 31 दिसंबर, 2021 को इस संबंध में जारी की गई अधिसूचना में कहा है कि वाल्ट प्रबंधक सेबी के मध्यस्थ के रूप में काम करेंगे। वाल्ट प्रबंधकों का काम जमा स्वीकार करना, सोने का भंडारण करना और उसे सुरक्षित रखना, ईजीआर का सृजन, उसकी निकासी, शिकायतों का समाधान करना शामिल है। अगर कोई व्यक्ति वाल्ट प्रबंधक के तौर पर काम करना चाहता है तो पहले उसे सेबी के पास आवेदन करना होगा। भारत में स्थापित और न्यूनतम 50 करोड़ रुपये के नेटवर्थ वाली कंपनी वाल्ट प्रबंधक के लिए आवेदन कर सकती है।

वाल्ट प्रबंधकों के पास लेनदेन को इलेक्ट्रानिक रूप में दर्ज करने की प्रणाली होना आवश्यक है। सेबी ने कहा है कि जो व्यक्ति वाल्ट में सोना जमाकर ईजीआर का सृजन चाहता है तो इसके लिए पंजीकृत वाल्ट प्रबंधक के पास आवेदन करना होगा। वाल्ट प्रबंधक ही सोने की गुणवत्ता, वजन सुनिश्चित करेगा और साथ ही सोना जमा करते समय दस्तावेज की जांच करेगा।

वायदा कारोबार के तरीकों में बदला

सेबी ने सोमवार को वायदा कारोबार के तरीकों में बदलाव किया है। यह फैसला स्टाक एक्सचेंजों से मिले फीडबैक और सेबी की कमोडिटी डेरिवेटिव्स एडवाइजरी कमेटी की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है। सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा है कि एक्सपायरी पर आप्शन कांट्रैक्ट के इस्तेमाल के लिए एक्सचेंजों द्वारा निर्धारित तंत्र को अपनाया जाएगा।

वित्त मंत्रालय ने जांच करने से जुड़े नियमों को अधिसूचित कियानई दिल्ली, प्रेट्र: वित्त मंत्रालय ने जांच करने और जुर्माना लगाने की प्रक्रिया से संबंधित सेबी के संशोधित नियमों को अधिसूचित कर दिया है। ये सभी नियम 31 दिसंबर, 2021 से प्रभावी हो गए हैं। संशोधित नियम नोटिस और आदेशों की तामील के तरीके से जुड़े हैं।

विलय से पहले एनओसी जरूरीनई दिल्ली, प्रेट्र: सेबी ने स्टाक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कंपनियों के विलय और डिमर्जर से जुड़ी योजनाओं के संबंध में बैंकों और वित्तीय संस्थानों की एनओसी जमा करने के समय पर स्पष्टीकरण जारी किया है। एक सर्कुलर में सेबी ने कहा है कि विलय से पहले सूचीबद्ध कंपनियों को उधार देने वाले बैंकों, वित्तीय संस्थान और डिबेंचर ट्रस्टी से एनओसी जमा कराना आवश्यक है।

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