नीमच । नीमच जिला मुख्यालय से करीब 18 किमी दूर गांव भादवा माता में महामाया भादवा माता का मंदिर स्थित है। यहां देश-प्रदेश से रोग ग्रस्त लोग मंदिर पहुंचते हैं। मान्यता है कि देवी मंदिर परिसर में बने कुंड के पानी से लकवा सहित गंभीर रोग ठीक हो जाते हैं। मंदिर में लगी देवी मां की मूर्ति अतिप्राचीन व चमत्कारी है।
इतिहास
किंवदंती है कि 800 साल पहले रूपा नाम के आदिवासी को देवी ने सपने में दर्शन देकर कहा कि गांव से कुछ दूर जंगल में मूर्ति दबी हुई है। उसे निकालकर स्थापित करो, ताकि वे मानव जाति के कष्टों को मिटा सकें। इसके बाद खुदाई कर देवी की मूर्ति को निकालकर स्थापित किया गया, जिन्हें आज सभी भादवा माता नाम से पूजते हैं। भक्तों द्वारा जब से मंदिर निर्माण कराया गया, तब से आदिवासी समाज द्वारा पूजा की जा रही है।
जमीन से निकली है जल धारा
मालवा की वैष्णो देवी महामाया भादवा माता के बारे में मान्यता है कि मां के दर्शन मात्र से ही बड़े से बड़ा रोग ठीक हो जाता है। इसके अलावा मंदिर परिसर में बने कुंड के पानी से लकवा सहित असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं। जब से माता यहां विराजित हुई हैं तभी से बावड़ी भी अस्तित्व में आई है और माता ने खुद ही भक्तों को रोग मुक्त करने के लिए जमीन से जल की धारा निकाली थी।
इन्होने कहा
मास्टर प्लान के अंतर्गत निर्माण वर्ष में दो बार नवरात्रि मेला लगता है। इस दौरान तीन लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मास्टर प्लान के अंतर्गत निर्माण कार्य चल रहा है। चढ़ावे से विकास कार्य किया जाता है।
-अजय ऐरन, प्रबंधक भादवा माता संस्थान
मुझे पिछले एक वर्ष से लकवे की बीमारी होने से मेरे हाथ-पांव ने काम करना बंद कर दिया था। माता के दरबार में आकर कुंड के पानी से नहाने, पीने एवं भभूति खाने व दर्शन लाभ से स्वास्थ्य लाभ मिला है।
-भागुलाल गुर्जर, भक्त ग्राम मालखेड़ा