ब्रेकिंग
आरिफ मोहम्मद खान होंगे बिहार के नए राज्यपाल, जनरल वीके सिंह मिजोरम के गवर्नर नियुक्त स्वामी श्रद्धानंद की पुण्यतिथि पर हुआ 1100 कुंडीय यज्ञ, सीएम धामी ने दी श्रद्धांजलि पीएम मोदी ने अर्थशास्त्रियों के साथ की बैठक, 2025 के बजट को लेकर हुई चर्चा बीजापुर में नहीं थम रहा नक्सलियों का आतंक, 3 दिन में 3 आदिवासी युवकों की हत्या; दहशत में ग्रामीण शिमला में इस बार ‘वॉइट क्रिसमस’, बर्फ की चादर में लिपटा शहर, टूरिस्टों में उत्साह; कहा- इस बार पैसा ... ‘मुझे पहले मोटा-तोतला बोलते थे, अब मेरे भक्ति पर आ गई’… बाल भक्त अभिनव अरोड़ा ने क्यों कहा ऐसा? इन लोगों ने मेरे क्षेत्र में वोट खरीदने शुरू कर दिए हैं… अरविंद केजरीवाल का बड़ा आरोप नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का बदलेगा लुक, देखकर आएगा दुबई जैसा फील; RLDA ने बनाया तगड़ा प्लान ठंड में धूप का मजा लेना पड़ा भारी, दिन में चोरों ने साफ कर दिया घर; छत पर बैठे थे घरवाले डीजल गाड़ियों की एंट्री शुरू, कंस्ट्रक्शन साइट होंगे चालू… दिल्ली में हटा ग्रैप-4

बीते चार साल में फिर शुरू हुए स्कूलों ने साबित किया असम्भव कुछ भी नहीं

रायपुर :  मासूमों के सपनों के साथ जमीदोंज स्कूल बिल्डिंग ।  सपनों को सच में बदलने की उम्मीद लिये बनी बांस की झोपड़ी ।  आखिरकार जिद के आगे डर को हराती स्कूल की पक्की इमारत । स्कूल बिल्डिंग की ये तीनों तस्वीरें साबित करती हैं कि असंभव कुछ भी नहीं । बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में ध्वस्त किये गये स्कूल भवनों के मलबे को देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा  सकता था कि यहां की तस्वीर यूं बदल जायेगी । जगदलपुर में आयोजित “भरोसे का सम्मेलन” में संवरता सुकमा स्टॉल पर ये मॉडल बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शिक्षा  के कायाकल्प की तस्वीर बयां कर रहा है ।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर साल 2018-19 में बस्तर के संवेदनशील इलाकों में पूर्व में जमींदोज हुये शालाओं को दुबारा शुरू करने का निर्णय लिया गया । नक्सलियों द्वारा अधिकांश स्कूल भवनों को ध्वस्त करने के कारण सुकमा जिला अंतर्गत विकास खण्ड कोन्टा के संचालित शालायें वर्ष 2006 से 2010 तक कुल 123 शालायें बंद हो गयी थीं । नक्सलियों के  द्वारा अधिकांश शाला भवनों को ध्वस्त कर दिया गया था लगभग 12 से 13 वर्ष तक शालायें संचालित नहीं हुयी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप 2018-19 से 2022-23 तक सुकमा जिले में बंद 123 शालाओं को पुन प्रारंभ कर दिया गया। शुरूआत में ग्रामीणों द्वारा निर्मित झोपड़ी में शालाओं का संचालन किया गया। वर्तमान में शासन के द्वारा ३० स्थानों में भवन की स्वीकृति प्रदाय किया गया है। जिसमें से 54 स्थानों पर भवन बन कर तैयार हो गया है। शेष जगहों पर निर्माण कार्य प्रगतिरत है । वर्तमान में 4382 बच्चे उक्त शालाओं में अध्ययनरत है एवं 45 स्थानों पर नियमित शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गयी है ।

शिक्षादूतों ने बदली तस्वीर- प्रशासन की पहल पर उसी ग्राम पंचायत के शिक्षित युवकों को शिक्षादूत बनाने का निर्णय गया, जिन्होंने अपने गांव में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखा । इनके प्रयासों से विगत चार सालों से जिले में बंद पड़े सभी स्कूल शिक्षादूतों के माध्यम से दुबारा संचालित हो रहे हैं ।

 जगरगुंडा को 14 साल बाद परीक्षा केंद्र की स्वीकृति मिली-   सलवा जुडूम अभियान के बाद से जगरगुंडा की शैक्षणिक संस्थाओं को दोरनापाल में संचालित की जाती थी, जिससे परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होने के लिए 56 किमी की दूरी तय करके एक माह पूर्व दोरनापाल पहुंचते थे। वहीं विभाग द्वारा परीक्षा सम्पन्न होने तक परीक्षार्थियों के ठहरने के लिए आश्रम-छात्रावास में वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाती थी। वहीं कुछ बच्चे किराए के मकान में रहकर परीक्षा में शामिल होते थे। 2019 में आश्रम-शालाओं को दोरनापाल से पुनः जगरगुंडा में संचालित की गई। वहीं 10वीं, 12वीं के परीक्षार्थियों को 2 साल तक बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए दोरनापाल आना पड़ता था। अब नवीन केंद्र बनाये जाने से विद्यार्थियों को ज्यादा दूर सफर नहीं करना पड़ा जिससे परीक्षा के दौरान आने वाली अतिरिक्त परेशानी कम हो गई।  धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र जगरगुंडा में हालात सामान्य होते ही जिला प्रशासन द्वारा परीक्षार्थियों को राहत दिलाने के लिए परीक्षा केंद्र बनाया गया। केंद्र बनने से परीक्षार्थियों को अतिरिक्त परेशानियां भी कम हुई, जिससे परीक्षा की तैयारी के लिए परीक्षार्थियों को भरपूर समय मिला। जिले में माशिमं की परीक्षा के सफल आयोजन के लिए 16 परीक्षा केंद्र बनाये गए थे। विगत वर्षों में 14 केंद्रों में बोर्ड परीक्षा सम्पन्न कराई जाती थी। इस वर्ष 3 नए परीक्षा केंद्र बनाए गए। परीक्षा केंद्र खुलने से आसपास के विद्यार्थी और उनके पालक खुशी जाहिर करते हुए परीक्षा केंद्र बनाने पर शासन प्रशासन का आभार व्यक्त किया।

जिले को मिली 3 नए परीक्षा केंद्र- इस वर्ष दूरस्थ इलाकों में हालात सामान्य होता देख शासन से 3 नए परीक्षा केंद्र की स्वीकृति मिली, जिनमें सुकमा विकासखंड के मुरतोंडा, कोंटा विकासखंड के जगरगुंडा और मराईगुड़ा (वन)शामिल है। विगत वर्षों में 14 परीक्षा केंद्रों से बोर्ड परीक्षा संपन्न कराई जाती थी। जगरगुंडा के परीक्षा केंद्र में 16 बच्चे10वीं के और 26 बच्चे 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए। इसी तरह मरईगुड़ा (वन) में  और मुरतोंडा में  10वीं के तथा 12वीं के बच्चों ने बोर्ड परीक्षा दी।

जगरगुंडा परीक्षा केंद्र में हेलीकॉप्टर से भेजे गए प्रश्नपत्र- जगरगुंडा के विद्यार्थियों को परीक्षा में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो इसके लिए शासन प्रशासन द्वारा पर्याप्त व्यवस्था करते हुए हेलीकॉप्टर से 4 दिन पहले ही प्रश्नपत्र पहुंचाये गये ।

आरिफ मोहम्मद खान होंगे बिहार के नए राज्यपाल, जनरल वीके सिंह मिजोरम के गवर्नर नियुक्त     |     स्वामी श्रद्धानंद की पुण्यतिथि पर हुआ 1100 कुंडीय यज्ञ, सीएम धामी ने दी श्रद्धांजलि     |     पीएम मोदी ने अर्थशास्त्रियों के साथ की बैठक, 2025 के बजट को लेकर हुई चर्चा     |     बीजापुर में नहीं थम रहा नक्सलियों का आतंक, 3 दिन में 3 आदिवासी युवकों की हत्या; दहशत में ग्रामीण     |     शिमला में इस बार ‘वॉइट क्रिसमस’, बर्फ की चादर में लिपटा शहर, टूरिस्टों में उत्साह; कहा- इस बार पैसा वसूल एंजॉय     |     ‘मुझे पहले मोटा-तोतला बोलते थे, अब मेरे भक्ति पर आ गई’… बाल भक्त अभिनव अरोड़ा ने क्यों कहा ऐसा?     |     इन लोगों ने मेरे क्षेत्र में वोट खरीदने शुरू कर दिए हैं… अरविंद केजरीवाल का बड़ा आरोप     |     नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का बदलेगा लुक, देखकर आएगा दुबई जैसा फील; RLDA ने बनाया तगड़ा प्लान     |     ठंड में धूप का मजा लेना पड़ा भारी, दिन में चोरों ने साफ कर दिया घर; छत पर बैठे थे घरवाले     |     डीजल गाड़ियों की एंट्री शुरू, कंस्ट्रक्शन साइट होंगे चालू… दिल्ली में हटा ग्रैप-4     |