Breaking
डीपफेक वीडियो केस: कोर्ट ने कहा- चुनाव आयोग पर भरोसा, निर्देश देने से किया इनकार दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को धमकी मामले में बड़ा खुलासा, सामने आया ‘2023 वाला पैटर्न’ दंडी आश्रम, कमरा नंबर-12 और डर्टी पिक्चर… नाबालिग बटुकों से अपनी भूख मिटाने वाले आचार्य की कहानी औरंगजेब ने जजिया कर लगाया था, कांग्रेस विरासत टैक्स लगाएगी… फिराजाबाद की सभा में बरसे सीएम योगी रोहित शर्मा ने तो टेंशन दे दी…T20 World Cup में इस कमजोरी से हो जाएगा बेड़ा गर्क तवायफों की दुनिया में आपका स्वागत है, लेकिन जरा संभलकर, कैसी है संजय लीला भंसाली की हीरामंडी? अमेरिका के फैसले के बाद 3000 रुपए तक सस्ता हो सकता है सोना, ये है बड़ी वजह मोबाइल पर अब दिखेगा कॉल करने वाले का नाम, TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को दिए निर्देश वैशाखी अमावस्या की शाम दीपदान करने का क्या है महत्व? दूर होता है पितृ दोष! सड़कों पर पानी, बिजली भी गायब…बारिश और तूफान ने UAE का किया बुरा हाल

अगले हफ्ते है ज्येष्ठ महीने का अंतिम प्रदोष व्रत जानें इसका महत्व तिथि और शुभ मुहूर्त

भगवान शिव के भक्तों के लिए प्रदोष व्रत का खास महत्व होता है। यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस बार ज्येष्ठ महीने का अंतिम प्रदोष व्रत 1 जून, गुरुवार के दिन पड़ रहा है। गुरुवार के दिन होने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहेंगे। भोलेनाथ के भक्तों के लिए ये व्रत बहुत खास होनेवाला है। मान्यता है कि शिव जी का यह उपवास करने से विरोधी परास्त होते हैं और जीवन में सुख शांति बनी रहती है। इस लिहाज से यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। चलिए जानते इसके शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-

प्रदोष व्रत: तिथि और मुहूर्त

शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 01 जून गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी जो अगले दिन 02 जून शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगी। वहीं प्रदोष काल 1 जून को शाम को 07 बजकर 14 मिनट से रात 09 बजकर 16 मिनट तक है। प्रदोष व्रत के दिन शिव की उपासना प्रदोष काल में की जाती है। ऐसे में यह व्रत 01 जून 2023, गुरुवार के दिन रखा जाएगा। इस बार शिव पूजा के समय अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त भी है, जो शाम 07:14 बजे से रात 08:30 बजे तक है।

कैसे करें पूजन?

प्रदोष व्रत की पूजा में भगवान शिव को कच्चा दूध, पुष्प, मेवे, कपूर, रोली, बेलपत्र, शहद, दीप, धूप और घी आदि अर्पित किया जाता है। इस दिन स्नान करने के बाद मंदिर में या फिर घर पर रुद्राभिषेक कराएं। पूजा करते समय ओम नमः शिवाय का जाप करें। पूजन के बाद भगवान शिव की आरती और भजन-कीर्तन भी करना चाहिए। इससे घर की सुख शांति बनी रहती है और तमाम बाधाएं दूर होती हैं।

डीपफेक वीडियो केस: कोर्ट ने कहा- चुनाव आयोग पर भरोसा, निर्देश देने से किया इनकार     |     दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को धमकी मामले में बड़ा खुलासा, सामने आया ‘2023 वाला पैटर्न’     |     दंडी आश्रम, कमरा नंबर-12 और डर्टी पिक्चर… नाबालिग बटुकों से अपनी भूख मिटाने वाले आचार्य की कहानी     |     औरंगजेब ने जजिया कर लगाया था, कांग्रेस विरासत टैक्स लगाएगी… फिराजाबाद की सभा में बरसे सीएम योगी     |     रोहित शर्मा ने तो टेंशन दे दी…T20 World Cup में इस कमजोरी से हो जाएगा बेड़ा गर्क     |     तवायफों की दुनिया में आपका स्वागत है, लेकिन जरा संभलकर, कैसी है संजय लीला भंसाली की हीरामंडी?     |     अमेरिका के फैसले के बाद 3000 रुपए तक सस्ता हो सकता है सोना, ये है बड़ी वजह     |     मोबाइल पर अब दिखेगा कॉल करने वाले का नाम, TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को दिए निर्देश     |     वैशाखी अमावस्या की शाम दीपदान करने का क्या है महत्व? दूर होता है पितृ दोष!     |     सड़कों पर पानी, बिजली भी गायब…बारिश और तूफान ने UAE का किया बुरा हाल     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें