ब्रेकिंग
बिल जमा न हुआ हो तो भी 2 घंटे से ज्यादा अस्पताल में नहीं रख सकते शव, इस राज्य सरकार का अस्पतालों को ... कन्हैया लाल हत्याकांड: बेटे का दर्द कहा- फिल्म उदयपुर फाइल्स पर रोक लगाने की जल्दबाजी, लेकिन अपराधिय... जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाया जाएगा महाभियोग, सरकार ने मांगा विपक्ष का साथ मिजोरम: राज्यपाल ने चकमा स्वायत्त जिला परिषद को किया भंग, कब हुआ था इसका गठन? पहले आपातकाल पर घेरा, फिर खुद को बताया केरल का लोकप्रिय सीएम उम्मीदवार, कांग्रेस में खलबली मचा रहे श... सोशल मीडिया की वजह से रिश्तों में खटास, दिल्ली-मुंबई और पटना जैसे शहरों के रिलेशनशिप सर्वे में सामने... 13 जुलाई को लेकर जम्मू-कश्मीर में क्यों छिड़ गई है सियासी जंग? जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने मरीज का धो डाला फेफड़ा, कैसे हो गया था जाम? फ्री में हुआ इलाज कांवड़ यात्रा आज से शुरू, दिल्ली से नोएडा एंट्री करने वाले जरूर देखें ट्रैफिक एडवाइजरी, 15 दिन के लि... बहनोई की हरकत देख रही थी दुल्हनिया, कन्यादान से पहले तोड़ी शादी, बोली- मुझ पर ये…
देश

कांग्रेस के लिए ‘असेट’ और ‘लाइबिलिटी’ दोनों हैं राहुल गांधी : राजनीतिक विश्लेषक

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद से राहुल गांधी के नेतृत्व एवं पार्टी के संगठन को लेकर उठ रहे सवालों पर राजनीतिक विश्लेषक और ‘सीएसडीएस’ के निदेशक संजय कुमार ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ‘असेट’ और ‘लाइबिलिटी’ दोनों हैं। उन्होंने पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए बड़े नेताओं के बीच टकराव दूर करने की जरूरत पर भी जोर दिया।

कुमार ने कहा कि 2019 की यह करारी हार कांग्रेस के लिए अप्रत्याशित है क्योंकि उसके खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं थी। इसलिए लगता है कि कांग्रेस को इससे कहीं बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए था और जिस तरह की हार हुई है उसमें तो नेतृत्व की जिम्मेदारी निश्चित तौर पर बनती है। राहुल और गांधी परिवार से हटकर किसी दूसरे नेता को कांग्रेस का नेतृत्व सौंपने की जरूरत के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष पद छोड़ दें और गांधी परिवार के बाहर का कोई दूसरा व्यक्ति अध्यक्ष बन जाए तो शुरुआत के कुछ महीने बहुत मुश्किल होंगे और बिखराव की स्थिति होगी। तब पार्टी के लिए एकजुट रहना मुश्किल हो जाएगा। हो सकता है कि आगे चलकर चीजें ठीक हो जाएं। कुमार ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि राहुल ‘असेट’ और ‘लाइबिलिटी’ दोनों हैं।

राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार राहुल गांधी ‘लाइबिलिटी’ हैं क्योंकि वह पार्टी के पक्ष में वोटों को लामबंद नहीं कर पा रहे हैं। दूसरी तरफ, वह ‘असेट’ भी हैं क्योंकि उनकी वजह से पार्टी एकजुट है।” उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी ने काफी नकारात्मक प्रचार करने की कोशिश की। उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति पर आरोप लगाने की कोशिश की जिसकी जनता के बीच बहुत विश्वसनीयता है। उन्हें बहुत पहले ही समझ जाना चाहिए था कि आपकी बात जनता के बीच स्वीकार नहीं की जा रही। इस चुनाव में कांग्रेस की अच्छी छवि और मजबूत साख नहीं बन पाई।

कुमार ने माना कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के विमर्श में जनता कांग्रेस की विचारधारा को नकार रही है। उन्होंने कहा कि अब भी बड़े पैमाने पर लोगों को यही लगता है कि कांग्रेस की विचारधारा बहुसंख्यक विरोधी और अल्पसंख्यक समर्थक है। वे मानते हैं कि यह पार्टी अल्पसंख्यक तुष्टीकरण कर रही है और उसे बहुसंख्यकों की चिंता नहीं है। जबकि भाजपा के बारे में लोगों को लगता है कि वह बहुसंख्यकों के पक्ष में है। अब देखना होगा कि कांग्रेस की यह छवि कब टूटती है। कांग्रेस में नयी जान फूंकने के उपायों के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत करना होगा। बड़े-बड़े नेताओं के बीच टकराव बहुत ज्यादा है, जिसे दूर करना होगा। जिले और ब्लॉक स्तर पर कार्यकर्ताओं से लगातार वार्तालाप की जरूरत है। नेताओं को समय पर सड़क पर आने और जनता के साथ संपर्क साधने की जरूरत है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button