टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच क्रिकेट का एक ऐसा कनेक्शन है, जिसके बारे में गिने-चुने लोग ही जानते हैं. इस कनेक्शन का खुलासा अब खुद तेजस्वी यादव ने किया है. ये तो लगभग सबको ही पता है कि राजनीति में उतरने से पहले तेजस्वी भी क्रिकेटर ही थे और यहां तक कि आईपीएल में भी खेल चुके थे लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नहीं है. तेजस्वी ने खुलासा किया है कि जब वो क्रिकेट खेल रहे थे तो एक वक्त पर विराट कोहली भी उनकी कप्तानी में खेले थे.
तेजस्वी यादव के पिता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव जब केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे, तो उसी वक्त तेजस्वी का क्रिकेट करियर भी शुरू हुआ था. तब तेजस्वी यादव ने दिल्ली क्रिकेट में एंट्री ली थी और फिर 2008 में आईपीएल के पहले सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स का भी हिस्सा थे. हालांकि उनका क्रिकेट करयिर 2010 में ही खत्म हो गया था, जिसके बाद वो राजनीति में उतरे थे.
जब तेजस्वी बने थे विराट के कप्तान
34 साल के तेजस्वी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने क्रिकेट करियर को लेकर बात की और शिकायती लहजे में कहा कि कोई भी बातें नहीं करता कि वो एक क्रिकेटर भी थे. तेजस्वी ने फिर कोहली के साथ अपने कनेक्शन के बारे में बताया कि दिल्ली क्रिकेट के दिनों में वो कोहली के कप्तान भी रह चुके थे. असल में दोनों ने ही दिल्ली की अंडर-15 और अंडर-19 टीमों में एक साथ क्रिकेट खेला था और उसी दौरान एक वक्त के लिए तेजस्वी ने टीम की कप्तानी भी की थी. तेजस्वी ने करीब 10 साल पहले एक ट्वीट में भी विराट के साथ अपनी पुरानी तस्वीर शेयर कर इसके बारे में बताया था.
इस वजह से छोड़ना पड़ा क्रिकेट
हालांकि तेजस्वी को न तो आईपीएल में एक भी मैच खेलने का मौका मिला और न ही दिल्ली की सीनियर क्रिकेट टीम में चांस मिला. इसके बाद वो झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़ गए और इसके लिए ही उन्होंने तीनों फॉर्मेट में कुल 7 मैच खेले, जिसमें उनके बल्ले से सिर्फ 37 रन निकले. तेजस्वी ने बताया कि उनका क्रिकेटर करियर इसलिए ज्यादा आगे नहीं बढ़ सका क्योंकि उनके दोनों घुटनों के लिगामेंट में लगातार चोट लगती रही और फिर उन्हें क्रिकेट छोड़ना पड़ा. 2010 में उन्होंने अपना आखिरी मैच खेला था, जिसमें 5 रन बनाए और 1 विकेट लिया था.
क्रिकेट छोड़ने के बाद से ही तेजस्वी बिहार की राजनीति में लगातार सक्रिय हैं और पिता लालू और मां राबड़ी देवी के बाद पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के सबसे बड़े नेता के तौर पर उभरे हैं. इस दौरान वो बिहार के सबसे युवा उप-मुख्यमंत्री और विधानसभा में सबसे युवा नेता विपक्ष भी बने थे. बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जहां वो फिर से अपनी पार्टी का नेतृत्व करेंगे.