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अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही! मरीज को लगा दिया प्रतिबंधित स्लाइन, तबीयत बिगड़ी तो मचा बवाल; पहले भी हो चुका है ऐसा कांड

पश्चिम बंगाल में मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी. इसके अलावा चार प्रसूता महिलाएं बीमार पड़ गई थीं. इसकी वजह वेस्ट बंगाल फार्मास्युटिकल्स कंपनी की रिंगर्स लैक्टेट सलाइन देने को लेकर बताई गई थी, जिसके बाद इस कंपनी की सभी सलाइन पर बैन लगा दिया गया था. अब फिर से इसी कंपनी की सलाइन को इस्तेमाल करने का मामला सामने आया है.

पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी दी थी कि पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल के सभी सलाइन लॉक को बंद करने का आदेश दिया गया, जिसमें साफतौर पर कहा गया था कि इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. अगर कोई अस्पताल में इस सलाइन का इस्तेमाल करता है, तो उस अस्पताल के अधीक्षक को सारी जिम्मेदारी लेनी होगी.

एक-दूसरे पर लगाया आरोप

सलाइन के इस्तेमाल पर बैन के बावजूद एक बार फिर एक मरीज ने सरकारी अस्पताल में सलाइन चढ़ाने की शिकायत की है. अब पलाशिपारा (प्रीतिमय) ग्रामीण अस्पताल से ये सामने आया है, जहां डॉक्टरों की लापरवाही देखने को मिली. मरीज को वेस्ट बंगाल फार्मास्युटिकल की बैन स्लाइन चढ़ाई गई. जब इसको लेकर डॉक्टर और नर्स से सवाल किए गए, तो दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाने लगे.

हादसा होने पर कौन जिम्मेदार?

डॉक्टर ने कहा कि मैंने ऑर्डर नहीं दिया. नर्स से जरूर कोई गलती हुई होगी. वहीं ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने डॉक्टर के कहने पर सलाइन देने की बात कही. सलाइन देने के बाद मरीज की तबियत बिगड़ गई. मरीज के परिजनों ने कहा कि हमें नहीं पता कि डॉक्टर या नर्स किसने सलाइन दिया. अगर मरीज बीमार है, तो हम उसे अस्पताल लेकर आते हैं. हम नहीं जानते कि यहां क्या होता है या क्या नहीं होता है. मैं कैसे बता सकता हूं कि कोई दवा दे रहे हैं या नहीं.” अब सवाल ये है कि मनाही के बावजूद इस सलाइन का उपयोग कैसे किया जा रहा है? अगर कोई हादसा हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा?

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