बजट में सरकार ने जहां मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में बड़ी राहत दी है. वहीं अब देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी की ओर से भी उन्हें सौगात मिलने वाली है. बजट के प्रावधानों से देश में खपत बढ़ने की उम्मीद है और इसका फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में बढ़त के तौर पर दिखाई दे सकता है.
भारत की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर बीते 6 महीने में 13 प्रतिशत से नीचे आ चुका है. कंपनी की पिछली एनुअल जनरल मीटिंग के बाद जब से उसके शेयर स्पिलिट हुए हैं, तब से लगातार उसके शेयर प्राइस में गिरावट दर्ज की जा रही है. ऐसे में आम निवेशक के लिए ये एक चिंता का सबब बन गए हैं, वहीं देश के शेयर मार्केट के हालात भी बहुत बेहतर नहीं है.
10 प्रतिशत तक चढ़ सकता है रिलायंस का शेयर
बजट में सरकार ने मिडिल क्लास की इनकम को लगभग टैक्स-फ्री कर दिया है. सरकार ने 12 लाख रुपए तक की इनकम पर टैक्स को प्रभावी तौर पर जीरो कर दिया है. इसका सीधा मतलब ये है कि सरकार खपत को बढ़ावा देना चाहती है.
ऐसे में देश की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी ‘रिलायंस रिटेल’ की सेल्स बेहतर होने की उम्मीद है. वहीं सरकार ने बजट में देश के पावर सेक्टर पर भी फोकस बढ़ाया है. ईवी और बैटरी को सस्ता करने का काम किया है. बैटरी सेगमेंट में भी रिलायंस इंडस्ट्रीज का बड़ा निवेश है, जिससे कंपनी के शेयर में आने वाले समय में बढ़त दर्ज की जा सकती है.
ईटी को दिए एक बयान में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट धर्मेश शाह का कहना है कि आने वाले दिनों में रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ-साथ बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा कंज्यूमर, इंफोसिस, यूबीएल, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आयशर मोटर्स, टाइटन, हैवेल्स, एसबीआई कार्ड्स और इंडियन होटल्स (ताज ब्रांड) के शेयर में 5 से 10 प्रतिशत का ग्रोथ पोटेंशियल है. रिलायंस का शेयर प्राइस अभी 1250 रुपए के आसपास बना हुआ है.
बजट में सरकार ने चुना डिमांड फैक्टर
इकोनॉमी में दो फैक्टर काम करते हैं. एक तो ये कि अगर सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपेक्स पर दबाकर खर्च करती है, तो देश का प्राइवेट सेक्टर भी उसके साथ निवेश करता है. बीते 10 साल में सरकार ने इस दिशा में बहुत काम किया और 2020 में आई कोविड महामारी के बाद तो देश की ग्रोथ रेट को संभालने का काम सरकार के कैपेक्स ने ही किया.
इस बीच प्राइवेट सेक्टर का निवेश देश में ना के बराबर रहा है और कंपनियां इस समय कैश रिच बनी हुई हैं. ऐसे में इस बार सरकार ने बजट में दूसरे फैक्टर पर काम किया. ये है देश में डिमांड को बढ़ाना, इसलिए मिडिल क्लास को सरकार ने बड़ी राहत दी. भारत हमेशा से डिमांड रिच देश रहा है. तभी 2008 की मंदी हो या 2020 का कोविड संकट भारत की इकोनॉमी संभली रही है. इसी पर फोकस करते हुए अब सरकार ने मिडिल क्लास को राहत देने का काम बजट में किया है.