पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के कल्याणी में एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने से चार लोगों की मौत हो गई. विस्फोट की वजह से जलने से लोगों की मौत हुई है. स्थानीय सूत्रों ने बताया कि मृतकों में दो महिलाएं भी शामिल हैं. एक महिला की हालत गंभीर है. उनका कल्याणी स्थित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल अस्पताल में इलाज चल रहा है. प्रारंभिक तौर पर बताया गया है कि सभी मृतक फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर थे.
शुक्रवार दोपहर को नादिया के कल्याणी के रथतला के घनी आबादी वाले इलाके में एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की घटना घटी. विस्फोट की तीव्रता से पूरी पटाखा फैक्ट्री जलकर खाक हो गई. आशंका है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है.
कल्याणी पुलिस स्टेशन और दमकल विभाग की गाड़ियां घटनास्थल पर मौजूद हैं. प्रारंभिक तौर पर पुलिस को संदेह है कि आतिशबाजी बनाते समय शॉर्ट सर्किट से आग लगी और इसके बाद विस्फोटहो गया.
घनी बस्ती में पटाखा फैक्ट्री को लेकर उठे सवाल
सूचना मिलने पर दमकल कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और आग पर काबू पाया. विस्फोट के कारण फैक्ट्री की दीवार ढह गई। यह पता लगाने के लिए बचाव अभियान चल रहा है कि कहीं कोई फंसा तो नहीं है. विस्फोट के वास्तविक कारण की जांच की जा रही है.
राज्य में पटाखा फैक्ट्रियों को लेकर बार-बार सवाल उठते रहे हैं. ज्यादातर मामलों में आरोप यह लगे हैं कि पटाखा फैक्ट्रियां अवैध रूप से चल रही हैं. घनी आबादी वाले इलाकों में इन कारखानों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने से कोई खास फायदा नहीं हुआ है.
यह भी आरोप लगाया गया है कि ऐसी गतिविधियां पुलिस और प्रशासन की नाक के नीचे हो रही हैं. राज्य सरकार ने भी इस बारे में चेतावनी दी है. इस बार कल्याणी फैक्ट्री को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
पहले भी फैक्ट्री में हो चुके हैं ब्लास्ट
वार्ड 20 के पार्षद सुब्रत चक्रवर्ती ने दावा किया कि उन्हें ऐसी किसी फैक्ट्री के बारे में जानकारी नहीं है. विस्फोट के बाद उन्हें सब कुछ पता चला. स्थानीय विधायक अंबिका रॉय ने कहा कि पुलिस ने सब कुछ जानते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की. विधायक ने कहा, “जब ऐसी घटनाएं होती हैं तो पुलिस कार्रवाई करती है. पुलिस को सब पता था. मैं भगवान पर भरोसा करता हूं. कानून और व्यवस्था जैसी कोई चीज नहीं है.”
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य में कई स्थानों पर पटाखा फैक्ट्रियों में विस्फोट हुए हैं. 2023 में खादिकुल में एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने से 12 लोगों की मौत हो गई थी. उसी वर्ष बजबज में तीन, इंग्लिश बाजार में दो और नीलगंज में नौ लोगों की मौत हो गई थी.