आखिरी बार गढ़वा में तैनाती, फिर तीन साल से छुट्टी पर… कौन थीं JPSC की टॉपर शालिनी विजय, जिनकी केरल में मिली लाश
झारखंड लोक सेवा आयोग के पहले बैच की टॉपर शालिनी विजय का शव केरल में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला है. साथ में उसके भाई और मां के भी शव पड़े थे. इस घटना के बाद से केरल और झारखंड दोनों राज्यों में सनसनी मच गई है. क्या ये आत्महत्या है या मर्डर, इसकी अभी पुष्टि नहीं हो पाई है. पुलिस मामले की बारीकी से जांच कर रही है. शालिनी विजय, उनके भाई और मां के शव कोच्चि स्थित सेंट्रल एक्साइज क्वार्टर स्थित आवास में बंद कमरे में मिले हैं.
शालिनी के भाई मनीष विजय IRS अधिकारी थे. वो केरल में कस्टम अधिकारी की पोस्ट पर तैनात थे. जबकि, उनकी मां शकुंतला विजय बोकारो के एक कॉलेज में प्रोफेसर रही हैं. पहली झारखंड लोक सेवा आयोग की टॉपर शालिनी विजय पिछले लगभग तीन-चार वर्षो से अवकाश पर थीं. शालिनी विजय आखिरी बार झारखंड के गढ़वा जिला में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी के पद पर तैनात थीं और पिछले लगभग 3 सालों से ज्यादा समय से छुट्टी पर थीं.
मामले का खुलासा तब हुआ जब केरल के कोच्चि में सीजीएसटी मैं सहायक आयुक्त मनीष विजय ने लगभग एक सप्ताह पहले छुट्टी ली थी. उन्होंने यह बोलकर छुट्टी ली थी कि उन्हें झारखंड जाना है. लेकिन वो झारखंड नहीं आए. छुट्टी समाप्त होने के तीन दिन बाद भी जब वो ड्यूटी पर नहीं लौटे तब उनके दो सहकर्मी गुरुवाल देर शाम हाल-चाल लेने उनके आवास पहुंचे थे.
घर के अंदर से दुर्गंध आने पर हुईआशंका
कोच्चि स्थित सेंट्रल एक्साइज क्वार्टर जहां मनीष रंजन रहा करते थे, वहां से दुर्गंध आने के बाद दोनों सहकर्मियों को आशंका हुई. उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस की मौजूदगी में जब घर का दरवाजा तोड़ा गया तब घर के अलग-अलग कमरों में मां शकुंतला अग्रवाल (उम्र 80 वर्स), बहन शालिनी विजय उम्र लगभग 50 वर्ष और भाई मनीष विजय अग्रवाल का शव संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद हुआ.
मां शकुंतला का शव बिस्तर पर पड़ा था. जबकि भाई मनीष और बहन शालिनी के शव फंदे से लटके मिले. केरल पुलिस ने उनके आवास से मोबाइल फोन और डायरी समेत कई अन्य सामग्रियों को जप्त किया. एफएसएल की टीम आवास पर मौजूद साक्ष्य को एकत्रित करने में लग गई. इसके साथ ही मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज भिजवाए गए.
साल 2021 से छुट्टी पर थीं शालिनी
पहले जेपीएससी की टॉपर शालिनी विजय अंतिम बार झारखंड के गढ़वा जिला में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी के पद पर तैनात थीं. साल 2021 से वह छुट्टी पर थीं. लगभग 3 वर्षों से छुट्टी लेकर वह केरल चली गई थी और वहां अपने भाई के साथ ही रह रही थीं. आशंका व्यक्त की जा रही है कि कुछ घरेलू विवाद और परेशानियों के कारण तीनों लोगों ने आत्महत्या जैसे बड़े कदम को उठाया होगा.
2019 में पति से अलग हो गई थीं शालिनी
शालिनी विजय का पूरा परिवार काफी शिक्षित है. शालिनी विजय के दादा नेमी चंद भी बीपीएससी पटना में उच्च पद पर कार्यरत थे. जबकि शालिनी विजय के पिता उत्तम चंद बोकारो स्टील में कार्यरत थे, हालांकि उनका निधन पहले ही हो चुका है. शालिनी विजय की शादी संबलपुर में लेक्चरर के पद पर कार्यरत एक प्रोफेसर से हुई थी, हालांकि वर्ष 2019 में ही दोनों अलग हो गए थे.
सीबीआई जांच में था शालिनी का नाम
पहली झारखंड लोक सेवा आयोग परीक्षा में नियुक्ति में अनियमितता को सीबीआई जांच चल रही है. शालिनी जिस पहले झारखंड लोक सेवा आयोग की टॉपर रही हैं. उस पहले बैच के सफल अभ्यर्थियों की सीबीआई जांच कर रही है, जिसमें कई लोगों को नोटिस भेजा गया. इसमें शालिनी विजय का नाम भी शामिल था.