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मासिक दुर्गाष्टमी के दिन इस विधि से करें कन्या पूजन, सुखी रहेगा वैवाहिक जीवन!

हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी बहुत पावन और विशेष मानी जाती है. हर माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में मनाई जाती है. मासिक दुर्गाष्टमी माता के भक्तों के लिए बहुत महत्व रखती है. भक्त मासिक दुर्गाष्टमी के दिन माता का पूजन और व्रत करते हैं. मान्यता है कि इस दिन पूजन और व्रत करने से माता दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास रहता है.

चैत्र माह की नवरात्रि प्रारंभ हो चुकी है. आज नवरात्रि का तीसरा दिन है. इस नवरात्रि का छह अप्रैल को समापन हो जाएगा. चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि को ही इस बार मासिक दुर्गाष्टमी रहेगी. मासिक दुर्गाष्टमी के दिन कन्या पूजन किया जाएगा. मान्यता है कि जो भी मासिक दुर्गाष्टमी के दिन विधि पूर्वक कन्या पूजन करता है मां उसे सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कन्या पूजन की विधि के बारे में.

कब है मासिक दुर्गाष्टमी?

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 4 अप्रैल को रात 8 बजकर 12 मिनट पर हो जाएगी. वहीं, इस अष्टमी तिथि की समाप्ति 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर हो जाएगी. हिंदू धर्म में उदया तिथि मानी जाती है. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 5 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की दुर्गा अष्टमी और मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी.

कन्या पूजन विधि

पूजा कन्याओं के स्वागत से शुरू करनी चाहिए. इसके बाब कन्याओं के पैर धोने चाहिए. फिर कन्याओं को आसन पर बैठाना चाहिए. कन्याओं को कलावा बांधना चाहिए. उनके मस्तक पर लाल कुमकुम लगाना चाहिए. कन्याओं को पूड़ी, काले चने, नारियल और हलवे को भोग के रूप में खिलाना चाहिए. फिर कन्याओं को उपहार में चुनरी, चूड़ियां और नए वस्त्र देने चाहिए. फिर क्षमता के अनुसार कन्याओं को दक्षिणा और फल देने चाहिए. फिर कन्याओं के पैर छुकर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए. अंत में कन्याओं से थोड़ा सा अक्षत अपने घर में छिड़कवाना चाहिए. अक्षत स्वंय भी लेना चाहिए.

कन्या पूजन का महत्व

कन्या पूजन में 9 कन्याओं को घर बुलाया जाता है. नौ कन्याओं को माता दुर्गा के 9 रूपों का प्रतीक माना जाता है. जो भी कन्याओं का पूजन करते हैं माता उन पर अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं.

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