बड़वानी में ग्रामीणों का अनोखा विरोध, एंबुलेंस लेट पहुंची तो लोगों ने ड्राइवर को पहनाई फूलमाला

बड़वानी: मध्य प्रदेश के बड़वानी में मंगलवार (2 दिसंबर) को एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचने से नाराज ग्रामीणों ने अनोखे तरीके से विरोध किया है. आमतौर पर लोग चक्काजाम, नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन करके अपनी नाराजगी जाहिर करते हैं, लेकिन यहां लोगों ने गांधीवादी शैली में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराया है. घायलों को देरी से लेने पहुंचे एंबुलेंस ड्राइवर का समाजसेवियों ने पुष्पहार पहनाकर और श्रीफल भेंट कर स्वागत किया.
नाराज ग्रामीणों ने ड्राइवर को पहनाया माला
अंजड़ कस्बे में मंगलवार दोपहर दो बाइकों की भीषण भिड़ंत में पांच युवक गंभीर रूप से घायल हो गए. दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने तत्काल व्यवस्था करते हुए दो घायलों को निजी मारुति वैन से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. वहीं बाकी 3 घायलों को हॉस्पिटल लेकर जाने के लिए 108 पर कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस करीब 1 घंटे के बाद अंजड़ सिविल अस्पताल पहुंची. इससे नाराज होकर मौके पर मौजूद समाजसेवियों ने एंबुलेंस पायलट दीपेश उजले और ईएमटी भीकू सिंह चौहान को फूलमाला पहनाकर और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया.
108 की लापरवाही से नवजात की दर्दनाक मौत
एंबुलेंस पायलट का स्वागत करने वाले गिरीश चौहान ने बताया कि “बड़वानी में 108 एंबुलेंस की लापरवाही और समय पर न पहुंचने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. कभी एंबुलेंस देर से घटनास्थल पर पहुंची तो कई बार बिल्कुल नहीं आती है. जिससे दुर्घटनाओं और आपात स्थितियों में मरीजों की जान संकट में पड़ जाती है. हाल ही में ऐसी लापरवाही के चलते एक नवजात शिशु की दर्दनाक मौत भी हो चुकी है, जिससे लोगों में भारी आक्रोश है.”स्थानीय लोगों का कहना है कि यह गांधीवादी विरोध शायद सेवा प्रदाताओं को सोचने पर मजबूर करेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की सूचना मिलने पर एंबुलेंस समय पर पहुंचेगी. लोगों की मांग है कि 108 एंबुलेंस सेवा को विश्वसनीय बनाया जाए और वाहन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों, ताकि संकट की घड़ी में मरीजों को समय पर जीवन रक्षक सुविधा मिल सके.”






