छिंदवाड़ा में खूंखार हुए कुत्ते, बच्चों को बचाने स्कूल शिक्षा विभाग की तरकीब

छिन्दवाड़ा : पिछले 11 महीने में छिंदवाड़ा जिले में आवारा कुत्तों ने 2306 लोगों को अपना शिकार बनाया है. ऐसे में आवारा कुत्ते सरकार और प्रशासन के लिए परेशानी और आम लोगों के लिए बेहद खतरनाक हो गए हैं. इसके लिए जिला शिक्षा विभाग को भी आगे आना पड़ा है. जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूलों में बाउंड्री वॉल या फेंसिंग करने के लिए निर्देश दिए हैं.
छोटे बच्चों को ज्यादा टारगेट करते हैं कुत्ते
छिंदवाड़ा में जनवरी से नवम्बर महीने तक 2 हजार 306 लोगों पर आवारा कुत्ते हमला कर चुके हैं. जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ सुशील दुबे ने बताया, ” कुत्ते के काटने पर पेशेंट को एंटी रेबीज के दो से लेकर पांच डोज तक लगते हैं. जिला अस्पताल के रिकॉर्ड देखे जाएं तो कई बच्चे कुत्ते के हमले से गंभीर हालत में भर्ती होते हैं. ज्यादा गहरे घाव होने पर मरीज को रेबीज इम्योनोग्लोबिलिन इंजेक्शन तक देने पड़ते हैं. यह इंजेक्शन घाव में लगाए जाते हैं.”
सिविल सर्जन ने आगे कहा, ” जिला अस्पताल में शहर समेत जिलेभर से मरीज आते हैं. पिछले 11 महीनों में आवारा कुत्तों के हमले में घायल लोगों को एंटी रेबीज के 3 हजार से अधिक डोज लग चुके हैं. वहीं, अभी 1 हजार 800 से अधिक इंजेक्शन स्टोर में हैं. जिले के दूसरे स्वास्थ्य केन्द्रों में भी एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध हैं.”
कुत्तों की वजह से बढ़ी सड़क दुर्घटनाएं
शहर के मुख्य मार्गों व गली मोहल्लों में कुत्तों के झुंड बाइक सवारों के लिए भी घातक साबित हो रहे हैं. कई बार बाइक सवारों के पीछे आवारा कुत्ते दौड़ पड़ते हैं, जिससे घबराकर बाइक सवार अनियंत्रित होकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. ऐसी घटनाओं का आंकड़ा भी बहुत है बड़ा है, आवारा कुत्तों की वजह से दुर्घटना का शिकार हुए अनिल रैकवार ने बताया कि वे अपने घर सुकलुढाना जा रहे थे. तभी पीछे से तीन से चार कुत्तों ने हमला करने के लिए बाइक के पीछे दौड़ लगा दी. घबराकर उनकी बाइक गिर गई और उनकी एक पैर में फ्रैक्चर हो गया था.
सभी स्कूलों में बनेगी बाउंड्री वॉल या लगानी होगी फेंसिंग
कुत्तों के काटने की घटनाओं पर लगाम लगाने और न्यायालय द्वारा दिए निर्देश को पालन करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल ने शाला प्राचायों को निर्देश जारी किए हैं. इस आदेश के तहत जिले के सभी शासकीय अशासकीय माध्यमिक प्राथमिक स्कूलों के परिसर में आवारा कुत्तों की एंट्री रोकने के लिए पर्याप्त बाउंड्रीवॉल और फैंसिंग लगाई जाएगी. बीईओ, बीआरसी प्राचार्य प्रधानपाठकों को जारी हुए इस आदेश में सभी शालाओं के परिसर में पर्याप्त बाउंड्रीवाल, फैसिंग या फिर अन्य उपाय से इसे सुरक्षित करने के लिए कहा गया है, जिससे आवार कुत्तों को रोका जा सके.
2 महीने में करना होगा इंतजाम,नोडल होंगे जिम्मेदार
स्कूल बाउंड्रीवॉल या फेंसिंग की व्यवस्थाओं के लिए 8 सप्ताह का समय दिया गया है. इसे लेकर बीते दिनों वीडियो कान्फ्रेसिंग में डीईओ की ओर से उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला दिया गया है. शैक्षणिक संस्थाओं को सुरक्षित रखने के लिए किए गए उपायों के साथ-साथ सभी सरकारी अस्पतालों में एन्टीरेबीज टीके और इम्यूनोग्लोबिन की उपलब्धता के लिए कॉर्डिनेशन करने को कहा गया है.






