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1255 पदों पर भर्ती मामला: हाईकोर्ट ने रिजल्ट में की गई 5 गलतियों के आधार पर रजिस्ट्रार जनरल को जारी किया नोटिस

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जिला न्यायालयों में की जा रही 1255 पदों पर भर्ती मामले लगी याचिका में आज फिर सुनवाई की. जिसके बाद कोर्ट ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को न्यायाधीन रख लिया. आज मुख्य मुख्य रूप महिलाओं, दिवयागजन की अलग से मेरिट लिस्ट ना जारी करने के मुद्दे पर सुनवाई की गई.

याचिका पर प्रशासनिक मुख्य न्यायमूर्ति शील नागू और मनेन्द्र भट्टी की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए रजिस्ट्रार जनरल को कारण बताओ नोटिस जारी कर सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया को निर्णयाधीन रख लिया. अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा शीघ्र लेखक ग्रेड –II के 108 पद, शीघ्र लेखक ग्रेड –III के 205 पद तथा शीघ्र लेखक ग्रेड –IIआई (कोर्ट मेनेजर स्टाफ)  के 11 पद एवं सहायक ग्रेड तीन के 910 पद, सहायक ग्रेड तीन (इंग्लिस नोइग) के 21 पद तथा 75 पद दिवयंगजन के लिए इस प्रकार कुल पद 1255 पर भर्ती के लिए 12 नवबंर 2021 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विज्ञापन जारी किया गया था.

विज्ञापन में किस वर्ग को किस नियम के तहत कितना आरक्षण दिया जाएगा इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया है. साथ ही भर्ती में हाईकोर्ट या मध्य प्रदेश शासन के किस नियम से की जाएगी इसका भी उल्लेख नहीं किया गया, जो नियमानुसार आवश्यक होता है. जबकि इंद्रा शहनी बनाम भारत संघ और सौरभ यादव वनाम स्टेट आफ उत्तरप्रदेश के प्रकरणों में भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण से संवन्धित अपनाई जाने  वाली प्रक्रिया के समवंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए है जिसका पालन इस भर्ती प्रक्रिया में नहीं किया गया.

इसके साथ ही 100% कम्यूनल आरक्षण लागू करके प्रारम्भिक परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया. अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि भर्ती  की प्रारम्भिक परीक्षा दिनांक 22.2.2022 और 20.2.2022 को आयोजित की गई थी जिसका 30.3.2022 को प्रारम्भिक परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया. जिसमें महिला और विकलांगों की वर्गवार  अंकों की कट आफ प्रदर्शित नहीं की गई. वहीं अन रिजर्व केटेगिरी में एक भी आरक्षित वर्ग के मेरीटोरियस छात्र को सलेक्ट नहीं किया गया.

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