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जल और नदियों के संरक्षण के लिए लेना होगा दृढ़ संकल्प – प्रहलाद सिंह पटेल

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जलशक्ति मंत्रालय, भारत सरकार, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद, और नर्मदा समग्र द्वारा दो दिवसीय ‘नदी उत्सव कार्यक्रम’ आयोजित किया गया। भोपाल के विज्ञान भवन में आयोजित ‘नदी उत्सव’ का शुभारंभ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी, केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल जी और मध्यप्रदेश सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा जी ने दीप प्रज्वलित कर किया।

जल और जीवन के बीच खाई

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल जी ने कहा कि जल और जीवन के बीच की जो खाई है, जितनी हमने बढ़ाई और जितनी वो बढ़ चुकी है उसको काबू में करना आसान नहीं है। यदि हम आज भी अपने संकल्पों के प्रति दृढ़ हो जाएं तो जितना पानी हम उपयोग करते हैं उतना ही बचा लें, तब भी उससे काम नहीं चलेगा। भारत रत्न स्वर्गीय श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 1990 में राज्यसभा में कहा था कि दुनिया में यदि तीसरा विश्व युद्ध होगा तो पीने के पानी के लिए होगा, लेकिन भारत रण भूमि नहीं बनेगा, क्योंकि भारत के पास दुनिया में सर्वाधिक जल की मात्रा है लेकिन 2021 में जो रिपोर्ट आई उसमें कहा गया है कि भारत द्वारा दुनिया में सबसे ज्यादा भूमिजल का दोहन किया गया।

नदियों को माना जाता है मां और जीवनदायिनी

भारत वह देश है जिसने नदियों को मां माना, जीवनदायिनी माना, लेकिन उनके संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया। जो चूक हमसे हुई है, उस चूक पर हम विचार करें और जल एवं नदियों के संरक्षण के लिए दढ़ संकल्प लें जिससे हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को जीवनदायिनी जल दे सकें।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने कहा कि खेती के लायक जमीन बनाते-बनाते नर्मदा जी के दोनों तटों के तरफ पेड़ लगभग-लगभग समाप्त हो गए। जब पेड़ नहीं रहेंगे, घास नहीं रहेंगे तो मिट्टी का कटाव होगा। अमरकंटक में भी नर्मदा मैया की धार सिकुड़ती जा रही है। हमने बाकी नदियों को भी बर्बाद करने का महापाप किया है।

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