नई दिल्ली: भारत में मॉनसून (Monsoon) ने दस्तक दे दी है। अब हम सबके दिमाग में केवल एक ही सवाल है कि क्या बारिश इस कोरोना वायरस (Corona virus) को बहाकर ले जाएगी या हमारी परेशानियां अभी और बढने वाली हैं।
वहीं कोरोना संक्रमितों का बढ़ता आकड़ा देखकर तो लगता है कि साल 2020 की बारिश आफत लायी है। क्योंकि रूक रूक बारिश का होना डेंगू को न्योता देने से कम नहीं है। कई शहरों में डेंगू के केस मिलने भी शुरू हो गए हैं। सबसे हैरान करने वाली बात तो है ये कि डेंगू का काम संभालने वाले अफसरों की ड्यूटी अभी कोरोना में लगी हुई है।
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जहां एक तरफ प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस एवं नगर निगम का अमला कोरोना महामारी पर काबू पाने में जुटा हुआ है। इसके बाद भी कोई राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। जुलाई माह में तेजी से केस बढ़ना प्रशासन के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। तो वहीं इस बीच बारिश शुरू हो चुकी है। तेज बारिश का पानी तो फिर भी बहकर नालियों के रास्ते निकल जाता है। मगर धीमी रफ्तार से होने वाली बारिश का पानी घरों के अलावा सड़कों पर भी जमा हो जाता है। जिसमें डेंगू फैलाने वाले मच्छर का लार्वा तेजी से पनपता है।
बारिश और कोरोना
बारिश में कोरोना वायरस की बात करें तो, कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि बारिश (Rain)साबुन की तरह पानी की सतह को डिसइंफेक्ट करने में सक्षम नहीं है। यह उसी तरह है कि हाथ पानी से धोएंगे तो वायरस नहीं मरेगा, क्योंकि उसे मारने के लिए आपको हाथ में साबुन लगाना पड़ेगा.
दुनियाभर के एक्सपर्ट की लोगों से अपील है कि वे बारिश के मौसम में कोरोना वायरस को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतें। क्योंकि नमी के कारण हवा में कोरोनावायरस काफी देर तक तैर सकता है। इससे संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ सकता है.