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छत्तीसगढ़ में अकाल की आहत, खेतों में दरारें, जलने लगे धान के पौधे

बिलासपुर। मानसून की बेस्र्खी का असर अब किसानों पर भारी पड़ने लगा है। बारिश न होने के कारण खेतों अब दरारें दिखने लगी है। उमस और भीषण गर्मी के कारण धान का पौधा मुरझाने के साथ जलने लगे हैं। किसानों का कहना है कि धान की बोआई के बाद पर्याप्त मात्रा में अब तक बारिश नहीं हो पाई है।

इसके चलते धान का पौधा बढ़ नहीं पा रहा है। अब एक और बड़ी परेशानी यह कि तेज उमस के कारण धान का पौधा मुरझाने लगा है। पौधों में लालिमा आने लगी है। किसानों का कहना है कि यह पौधों के जलने का संकेत है। अगर एक सप्ताह के भीतर अच्छी बारिश नहीं होती है तो धान के पौधे पूरी तरह जल जाएंगे।

तब खेत बंजर भूमि में तब्दील हो जाएगा । ऐसे में एक और अकाल की आशंका से किसान हताश और निराश नजर आने लगे हैं। किसानों का कहना है कि मानसून की बेस्र्खी के कारण खेती किसानी का काम एक माह पिछड़ गया है।

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