यहां 2 रुपए की फोटोकापी के लिए करते हैं 140 किमी पैदल सफर

नारायणपुर । कहते हैं अबूझमाड़ यानी संकटों का पहाड़। इन दिनों पेट की आग बुझाने को अबूझमाड़ के ग्रामीण फोटो और फोटोकापी के संकट से जूझ रहे हैं। महज दो रुपए की फोटोकापी कराने के लिए आधार कार्ड लेकर अबूझमाड़ियों का काफिला घने जंगल और उफनते नदी-नालों को पार कर जिला मुख्यालय पहुंच रहा है।
राशनकार्ड नवीनीकरण के लिए ग्रामीणों से दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। राशनकार्ड में शामिल सभी सदस्यों के आधार कार्ड, वर्तमान राशनकार्ड के पहले और आखिरी पेज के साथ मुखिया के बैंक खाते की फोटोकापी व मुखिया की नवीनतम पासपोर्ट साइज की दो फोटो ली जा रही है।
माड़ में फोटो और फोटोकापी करने की मशीन की सुविधा उपलब्ध न होने से ग्रामीणों को आवश्यक दस्तावेजों को जमा करने के लिए 70 से 80 किमी दूर से पैदल सफर कर मुख्यालय आना पड़ रहा है। ग्रामीणों को तीन दिन का सफर छोटे बच्चों के साथ करना पड़ रहा है।
बारिश के दिनों में माड़ का आधा हिस्सा टापू बन जाता है। ऐसे में ग्रामीणों को काफी जद्दोजहद कर दस्तावेज पूरा करने मुख्यालय आना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय में पिछले कुछ दिनों से इनकी कतार लगी हुई है।
माड़ के अधिकांश बच्चों का आधार कार्ड नहीं बन पाया है। बिना आधार कार्ड के राशनकार्ड में नाम नहीं जोड़ने की बात कही जा रही है इसलिए माड़िये बच्चों का आधार कार्ड बनाने मुख्यालय में अपने परिचित के घरों में डेरा डाले हुए हैं।
तोके, जटवर, टाहकाढोड, कुतुल, पांगुड के ग्रामीणों ने बताया कि राशनकार्ड सत्यापन और नवीनीकरण के लिए पुराने राशनकार्ड व आधार की फोटोकापी मांगी जा रही है। इस व्यवस्था से राशनकार्ड सत्यापन और नवीनीकरण की रफ्तार धीमी हो गई है।
29 जुलाई तक नवीनीकरण की अंतिम तारीख तय होने से कई ग्रामीणों का राशनकार्ड प्रभावित होने की बात कही जा रही है। जिला पंचायत सदस्य देवनाथ उसेंडी का कहना है कि जिला प्रशासन को ग्रामीणों की सहूलियतों का ख्याल रखना चाहिए।
राशनकार्ड के लिए संबंधित ग्राम पंचायतों में शिविर लगाए जा रहे हैं। नवीनीकरण के लिए लगाने वाले दस्तावेजों के लिए ग्रामीणों को जिला मुख्यालय तक कठिनाइयों का सामना करते हुए नहीं आना पड़ेगा। जिला प्रशासन के द्वारा प्रभावित गांवों के लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों से कहा गया है। – चंदन कश्यप, विधायक, नारायणपुर