इंदौर: प्रवासी भारतीय सम्मेलन में इंदौर आ रहे अतिथियों के स्वागत सत्कार के लिए ‘पधारो म्हारे घर’ की अनूठी पहल की जा रही है। इसके लिए आईडीए द्वारा शहर के विभिन्न सामाजिक घरानों, संभ्रांत नागरिकों, फॉर्म हॉउस के संचालकों, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सहित अन्य ऐसे ही संस्थानों के सदस्यों से आग्रह किया है कि वे प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आ रहे अतिथियों को अपने घर में आतिथ्य प्रदान करने के लिए आईडीए से सम्पर्क कर सहमति दर्ज करा सकते हैं। सम्पर्क के लिए टेलिफोनिक या ऑनलाइन व्यवस्था बनाए जाएगी ताकि इच्छुक नागरिक घर बैठे ही आतिथ्य प्रदान करने की पहल कर सकेंगे। प्रारंभिक तौर पर 100 घरों की सूची तैयार की जाएगी।आईडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावडा ने बताया है कि इन घरों की सूची पोर्टल में अपलोड कर प्रवासी भारतीय सम्मेलन के प्रतिभागियों से घरों में रुकने की सहमति प्राप्त की जाएगी। समग्र रूप से आने वाले कुल अतिथियों में 10-15% अभ्यर्थियों को ‘पधारो म्हारे घर की पहल के अनुरूप घरों में ही रुकने की व्यवस्था की जाएगी। आईडीए सीईओ आरपी अहिरवार ने बताया कि इसे लेकर एक हफ्त से काम किया जा रहा है।इंदौर की मीठी यादें अपने साथ ले जाएंगे अतिथिसम्मेलन में आने वाले अतिथियों को इंदौर की मालवी संस्कृति और भारतीय संस्कृति से परिचय कराया जा सके इस यह अनूठी पहल की गई है। भारतीय संस्कृति विश्व पटल पर अंकित हो और यहां आने वाले अतिथि इंदौर से मीठी यादें अपने साथ ले जा सके इसलिए यह योजना बनाई गई है। अपने घरों को मेहमानों के आतिथ्य के लिए प्रस्तुत करने वालों के लिए यह पहल स्वैच्छिक होगी। यह भी अपेक्षित रहेगा कि वे अपना वाहन लेकर आगमन स्थल पर अतिथियों की आगवानी करें एवं जाते वक्त उन्हें भावभीनी विदाई भी दें।परिवार भाव का होगा अहसासनगर भ्रमण और कार्यक्रम स्थल में जाने आने के लिए भी वे अपने वाहन का उपयोग कर सकेंगे। चावड़ा ने बताया कि अतिथियों को उचित सम्मान और परिवार भाव से आतिथ्य प्रदान करने का यह अवसर जीवन में एक अविस्मरणीय क्षण साबित होगा। इससे न केवल इंदौर के नागरिकों के देश दुनिया में संबंध बनेंगे बल्कि इससे सांस्कृतिक, बौद्धिक और व्यापारिक आदान-प्रदान भी संभव हो सकेगा। इसके दीर्घकालीन फायदे भी मिलेंगे।
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