UP : चूहे की हत्या : यूपी के बदायूं में चूहे को पानी में डूबो कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार भी किया था और चूहे के शव को बरेली IVRI में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया था। बदायूं में चूहे की मौत के मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि उसकी मौत नाली के पानी में डूबने से नहीं बल्कि दम घुटने से हुई थी. साथ ही चूहे के फेफड़े लीवर पहले से ही काफी खराब थे. आईवीआरआई के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर केपी सिंह ने बताया कि चूहे को पहले से भी कई बीमारी थी. जिसकी वजह से चूहे का ज्यादा समय तक जिंदा रह पाना नामुमकिन था.मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला पनवड़िया का है। शहर के मोहल्ला कल्याण नगर निवासी विकेंद्र पशु प्रेमी व पीएफ संस्था के अध्यक्ष हैं। उन्होंने पुलिस को शिकायत दी है, जिसमें कहा गया है कि एक युवक चूहे को नाले में डूबा रहा था। रोकने पर उसने उसको नाले में फेंक दिया। फिर बार-बार वह ऐसा करता रहा, जिससे चूहा मर गया। विकेंद्र के चूहे को बचाने की कोशिश यहीं नहीं रुकी। उन्होंने जैसे-तैसे उस चूहे को नाले से निकाला। लेकिन तब तक चूहे की मौत हो चुकी थी। ये देखकर विकेंद्र को काफी गुस्सा आया। उन्होंने आरोपी का नाम पूछा। उसने नाम बताया मनोज कुमार। और कहा कि मैं तो ऐसे ही मारता हूं और मारता रहूंगा, जो करना हो कर लो। विकेंद्र मृत चूहे को लेकर थाने पहुंचे और मनोज कुमार के खिलाफ लिखित शिकायत की। उन्होंने कहा कि मैं चूहा कोतवाली में दे रहा हूं इसका पोस्टमॉर्टम कराने का कष्ट करें। उन्होंने मांग की कि पशु क्रूरता अधिनियम के तहत आरोपी पर कार्रवाई की जाए। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी मनोज के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था।देश में चूहे के पोस्टमार्टम होने का यह पहला मामलापुलिस ने चूहे के शव को सील किया और बदायूं के पशु चिकित्सालय में भेजा. वहां स्टाफ ने संसाधनों के अभाव में पोस्टमॉर्टम करने से इंकार कर दिया. वादी के प्रार्थना पत्र पर पुलिस ने बरेली स्थित आईवीआरआई में चूहे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा. आईवीआरआई के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर केपी सिंह का कहना है कि देश में चूहे के पोस्टमार्टम होने का यह पहला मामला है.केपी सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम करने के बाद चूहे के अन्य अंगों की माइक्रोस्कोप से जांच की गई. पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर अशोक कुमार डॉक्टर पवन कुमार ने चूहे का पोस्टमार्टम किया. जिससे यह पता चला कि फेफड़ों में नाली के पानी की गंदगी के कोई विशेष नहीं मिले. उसकी मौत दम घुटने से नहीं हुई. चूहे के फेंफड़े और लीवर पहले से ही खराब थे और चूहा कई बीमारी से ग्रसित था. जिसकी वजह से उसका बच पाना बेहद मुश्किल था.
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