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गृह सचिव की एडवाइजरी पर बोलीं महबूबा, डर के साए में जी रहे घाटी के लोग

पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने गृह मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी पर प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि गृह सचिव की एडवाइजरी से जम्मू-कश्मीर के लोग घबराए हुए हैं। घाटी के हालात खराब हैं। मुफ्ती ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए कहा, “सरकार को कश्मीरियों की चिंता नहीं है क्या? जम्मू और लद्दाख के लोगों का क्या होगा?”
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महबूबा ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी बड़ा जनमत लेकर आए हैं, उनसे जम्मू-कश्मीर के समाधान की उम्मीदें हैं। उनह्ने कहा कि ये कोई क्षेत्रीय लड़ाई नहीं है बल्कि अस्मिता की लड़ाई है। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतांत्रिक हिंदुस्तान पर भरोसा किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 साल से जम्मू-कश्मीर के लोगों ने कुर्बानी दी। कश्मीरियों की अस्मिता पर वार करना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि इस्लाम में हाथ जोड़ना मंजूर नहीं, लेकिन फिर भी मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए हाथ जोड़ रही हूं। प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद महबूबा मुफ्ती एनसी प्रमुख फारुख अबदुल्ला के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की।बता दें कि गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा द्वारा जारी आदेश में यहां कहा गया है, ‘‘आतंकवादी खतरों खासतौर से अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाए जाने की ताजा खुफिया सूचनाओं और कश्मीर घाटी में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को देखते हुए पर्यटकों तथा अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के हित में यह परामर्श दिया जाता है कि वे फौरन घाटी में रुकने की योजना स्थगित कर दें और जल्द से जल्द लौटने के आवश्यक कदम उठाए।”

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