नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला (Delhi liquor scam) मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) से पूछताछ के लिए ईडी की टीम गुरुवार को दूसरी बार तिहाड़ जेल पहुंची।
ईडी शराब घोटाला में हुए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है।
इससे पहले ईडी ने सात फरवरी को मनीष सिसोदिया से करीब 5 घंटे तक पूछताछ की थी और उनका बयान दर्ज किया था। सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। वह अभी न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनपर दिल्ली की नई आबकारी नीति के माध्यम से भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है। मामले के तूल पकड़ने पर आप सरकार ने नई आबकारी नीति को रद्द कर पुरानी नीति लागू कर दिया था।
तिहाड़ जेल के सेल नंबर वन में बंद हैं मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल के सेल नंबर वन में बंद हैं। ईडी ने सिसोदिया से पूछताछ के लिए कोर्ट से अनुमति ली है। सिसोदिया पर आरोप है कि उन्होंने शराब घोटाले से जुड़े सबूत नष्ट किए। उन्होंने कई बार अपने मोबाइल फोन बदले और उसके डाटा को नष्ट किया। उम्मीद की जा रही है कि ईडी सिसोदिया से अपने मोबाइल फोन बदलने और सबूत नष्ट करने के बारे पूछताछ कर सकती है। इसके साथ ही दिल्ली के आबकारी मंत्री के रूप में उनके द्वारा लिए गए फैसलों पर भी सवाल किए जा सकते हैं।
सिसोदिया पर लगे हैं रिश्वत लेने के आरोप
गौरतलब है कि दिल्ली की सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए नई आबकारी नीति तैयार की थी। आरोप है कि नई आबकारी नीति का इस्तेमाल कर सिसोदिया ने अपने करीबी शराब व्यापारियों को लाइसेंस दिलाया। इससे बदले शराब कारोबारियों से सिसोदिया को रिश्वत मिली। मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों का खंडन किया है। दिल्ली के एलजी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद ईडी ने इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।