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क्या तेल की कीमतें बढ़ने से ही बढ़ रहे हैं नींबू के भाव या इसके पीछे है कोई और कारण, जानें- यहां

नींबू के दाम: सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि तेल की कीमतें बढ़ने से नींबू के भाव बढ़ रहे हैं. लेकिन, गुजरात में चक्रवात के कारण फसल का नुकसान होने से उत्पादन घट गया है. इसका भी बाजार में असर देखा जा रहा है.

Lemon Price Rise: दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं. इन सबके बीच नींबू की कीमत ने सबका ध्यान खींचा है. नींबू के दाम 350-400 रुपये प्रति किलोग्राम तक चढ़ गए हैं. पेट्रोल, डीजल और सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी से परिवहन लागत में वृद्धि हुई है, जो सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी का एक मुख्य कारक माना जा रहा है. हालांकि, नींबू के मामले में, व्यापारियों ने कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे उत्पादन का हवाला दे रहे हैं. कई व्यापारियों का कहना है कि गुजरात में चक्रवात के बाद के प्रभावों के कारण नींबू का उत्पादन घट गया है जिससे कीमतें बढ़ रही हैं.

बता दें, गर्मी के दिनों में नींबू पानी की बहुत जरूरत पड़ती है, क्योंकि यह आपको हाइड्रेटेड रहने और चिलचिलाती गर्मी से लड़ने में मदद करता है. लेकिन बाजार में नीबू 350 -400 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है, जिसका मतलब है कि आपको 10 रुपये में एक भी नहीं मिलेगा.

नींबू की कीमतों में उछाल मुख्य रूप से चालू गर्मी के मौसम में आपूर्ति में कमी और उच्च मांग के कारण आया है.

नोएडा में सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण सब्जी मंडियों में ही सब्जियां ऊंचे दामों पर मिल रही हैं. साथ ही चक्रवात के कारण गुजरात में फसलों को नुकसान हुआ है. पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण परिवहन लागत में वृद्धि हुई है, जिससे सब्जियों की कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच गई हैं.

अन्य सब्जियों की कीमतें

पूर्वी दिल्ली के एक अन्य सब्जी व्यापारी ने कहा कि नींबू और शिमला मिर्च की कीमतों में वृद्धि हुई है, जबकि प्याज और टमाटर जैसी मुख्य सब्जियों की कीमतों में भी वृद्धि हुई है.

“इन दिनों, नींबू की कीमतें 350 रुपये से 400 रुपये प्रति किलो के बीच पहुंच गई हैं. पहले नींबू के भाव इस ऊंचाई पर कभी नहीं पहुंचे थे. यह गुजरात में चक्रवात के कारण फसल के नुकसान की वजह से हो रहा है. वहीं, टमाटर की कीमतें 40 रुपये से 45 रुपये प्रति किलो के बीच हैं, जबकि पहले यह लगभग 30-35 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचा जाता था. इसी तरह, प्याज की कीमतों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, और अब यह लगभग 40 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रही है. पहले यह लगभग 30-35 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बिक रही थी.

ज्यादातर सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि वे थोक बाजारों से सब्जियां ऊंचे दाम पर खरीद रहे हैं. इसलिए, खुदरा बाजारों में भी भाव ऊंचे हो गए हैं. थोक मंडियों में सब्जियों के दाम बढ़ने का कारण ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकता है.

सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि ज्यादातर मुख्य सब्जियां जैसे प्याज और टमाटर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक से दिल्ली आते हैं. उच्च परिवहन लागत के कारण प्याज और टमाटर की कीमतों में लगभग 10-15 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है. इसी तरह, नींबू, शिमला मिर्च और मिर्च भी उच्च दरों पर बिक रहा है. इसके कारण एक से अधिक हो सकते हैं. जैसे- गुजरात में चक्रवात का प्रभाव और ईंधन की उच्च कीमतें भी हो सकती हैं.

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