सीतारमण ने कहा, साल 2023 तक बाजार में आ सकता है भारतीय रिजर्व बैंक का डिजिटल रुपया

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Miner Nirmala Sitharaman) ने कहा कि सरकार सभी इंडस्ट्रीज में डिजिटल लेने-देन को बढ़ावा दे रही है. सरकार का जोर सभी सेक्टर्स का तेजी से लगातार डिजिटाइजेशन करना है. इसीलिए सरकार ने बजट में डिजिटल करेंसी (Digital Currency), डिजिटल बैंक्स और डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की है.
नई दिल्ली. डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की दिशा में भारत तेजी से कदम बढ़ा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अब बताया है कि भारत का लक्ष्य 2023 तक डिजिटल मुद्रा पेश करना है. FICCI के एक कार्यक्रम में इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी के विभिन्न व्यावसायिक उपयोग की संभावनाओं को टटोलने में लगे हैं.
वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार का इरादा डिजिटल करेंसी से केवल वित्तीय समावेशन के उद्देश्यों को पूरा करना नहीं है बल्कि इसके साथ ही विभिन्न व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करना भी है. उन्होंने कहा कि सरकार जेएएम त्रिवेणी (जन धन-आधार-मोबाइल) के माध्यम से वित्तीय समावेशन के लक्ष्यों को हासिल कर रही है.
सरकार का जोर डिजिटाइजेशन पर
मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार सभी इंडस्ट्रीज में डिजिटल लेने-देन को बढ़ावा दे रही है. सरकार का जोर सभी सेक्टर्स का तेजी से लगातार डिजिटाइजेशन करना है. इसीलिए सरकार ने बजट में डिजिटल करेंसी, डिजिटल बैंक्स और डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की थी. डिजिटल करेंसी अधिक सस्ती और कुशल मुद्रा प्रणाली को बढ़ावा देगी. इसीलिए सरकार ने डिजिटल रुपया लाने, ब्लॉकचेन और अन्य टेक्नोलॉजिज का प्रयोग करने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा विकसित रूपी ब्लॉकचेन सभी ट्रांजेक्शंस को ट्रेक करने में सक्षम होगा. अभी प्राइवेट कंपनियों द्वारा मोबाइल वॉलेट का जो सिस्टम चलाया जा रहा है उसमें सभी ट्रांजेक्शंस को ट्रेक नहीं किया जा सकता.
गौरतलब है कि बजट में वित्तमंत्री ने भारत द्वारा अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करनी की घोषणा की थी. भारतीय रिजर्व बैंक को डिजिटल करेंसी लाने की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, भारत ने अभी क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है. बजट में वित्त मंत्री ने क्रिप्टो से हुई कमाई पर 30 फीसदी टैक्स और एक फीसदी टीडीएस लगाने की घोषणा की थी. क्रिप्टो नियमन को लेकर भारत का कहना है कि वह जल्दबाजी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई फैसला नहीं लेगा. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जो आशंकाएं है, उनका निराकरण होने पर ही भारत इसके नियमन को लेकर कोई फैसला लेकर.