पंजाब विधानसभा चुनावों के शुरुआती रुझानों में आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलता नजर आ रहा है। पंजाब में इस समय यदि सबसे ज्यादा जश्न का माहौल कहीं है तो वह है आप का खेमा सभी बड़ी पार्टियों को साइड करते हुए यहां पर आप अपना परचम लहराने के लिए तैयार हैपार्टी नेताओं का मानना था कि पंजाब में आप की ही सरकार बनेगी। पार्टी इसका आधार एक्जिट पोल को मानकर चल रही थी। हालांकि, पार्टी नेता सीटों को लेकर कोई बयान तो नहीं दे रहे थे लेकिन इतना जरूर कहते थे कि एक्जिट पोल का आंकड़ा सही साबित होने जा रहा है। वहीं अगर सीएम चन्नी और नवजोत सिंह समेत कई कांग्रेस नेताओं की बात करें तो वह दिग्गज पीछे चल रहे हैं। रूझानों में आम आदमी पार्टी की सरकार बन रही है। एग्जिट पोल की तरह रुझानों में भी कांग्रेस वोटों के लिए तरसती हुई नजर आ रही है। ऐसे में सवाल ये है कि कांग्रेस कहां चूक कर बैठी।
अगर एक नजर बीते समय में डाली जाए तो चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बीच की खटपट जगजाहिर हुई थी। सिद्धू इस बात का दावा करते रहे कि चन्नी सरकार सूबे के लिए बेहतर नहीं हैं। हालांकि उन्होंने ये बात साफ तौर पर तो नहीं कही, लेकिन उनके ट्वीट्स लगातार इस बता का इशारा करते करते रहे कि कांग्रेस पार्टी में कुछ भी सही नहीं चल रहा। इस बार कांग्रेस 19-31 सीटों पर सिमटती हुई नजर आ रही है। ऐसे में सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या चन्नी की जगह अगर सिद्धू को सीएम उम्मीदवार बनाते तो फायदा हो सकता था। सवाल उठना लाजिमी भी है। जिस तरह पंजाब में कांग्रेस पार्टी पिछड़ी है हर कोई हैरान है। कांग्रेस पार्टी की इस टूट का आप पार्टी को फायदा हुआ जो कि आज सरकार बनाने जा रही है। हालांकि, कांग्रेस हाईकमान ने 111 दिन तक सीएम की कुर्सी संभालने वाले दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी पर भरोसा जताया था। चन्नी को चुनने के पीछे कांग्रेस की रणनीति ये रही कि पार्टी ने दलित सिख कार्ड खेला जोकि गलत साबित हुआ।
पंजाब में आप जबरदस्त जीत की ओर अग्रसर
देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के लिए डाले गए मतों की बृहस्पतिवार को जारी गणना के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राजनीतिक दृष्टि से अहम उत्तर प्रदेश राज्य में समाजवादी पार्टी (सपा) को पछाड़ती हुई और आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब में ऐतिहासिक जीत की ओर आगे बढ़ती दिख रही है। मतगणना के रुझान के अनुसार, भाजपा ने उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भी बढ़त बना ली है। सभी की निगाहें राजनीतिक रूप से अहम उत्तर प्रदेश पर टिकी हैं, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार सत्ता में लगातार दूसरी बार काबिज होने की कोशिश कर रही है। उत्तर प्रदेश की कुल 403 सीटों में से 368 सीट के उपलब्ध रुझान के अनुसार, सत्तारूढ़ दल 236 सीटों पर आगे है, जबकि चुनाव प्रचार रैलियों में भारी भीड़ जुटाने में सफल रहे अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा 97 सीटों पर बढ़त बनाकर दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा भगवा दल की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) नौ सीट पर आगे है। कांग्रेस चार और बसपा तीन सीट पर बढ़त बनाए हुए है। राज्य में भाजपा को 42.8 प्रतिशत और सपा को 31.1 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया गया था।
इस राज्य में 80 लोकसभा सीट हैं। दो साल बाद होने वाले आम चुनाव से पहले हुए इन विधानसभा चुनावों को अहम माना जा रहा है। इन चुनावों में ‘आप’ भी दिल्ली से बाहर अपनी पकड़ मजबूत करने में कामयाब होती दिख रही है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के रुझानों के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी पंजाब की 117 सीटों में से 89 पर आगे है। कांग्रेस 13 सीट पर बढ़त के साथ दूसरे स्थान पर है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पास सात और भाजपा के पास पांच सीट पर बढ़त है। इसके अलावा जलालाबाद सीट पर पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल तथा चमकौर साहिब एवं भदौड़ विधानसभा सीटों पर कांग्रेस नेता एवं मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी समेत कई बड़े नेता अपनी-अपनी सीट पर पीछे चल रहे हैं। गोवा में सत्तारूढ़ दल कुल 40 में से 18 सीट पर आगे है, जबकि उसकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस 12 सीट पर बढ़त बनाए हुए है। अभी तक के रुझानों के अनुसार, महाराष्ट्र गोमंतक पार्टी (एमजीपी) सरकार गठन में अहम भूमिका निभा सकती है। फिलहाल एमजीपी छह सीट पर आगे है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) और आम आदमी पार्टी (आप) एक-एक सीट पर आगे हैं, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार तीन सीट पर बढ़त बनाए हुए है।