Breaking
महाकाल मंदिर में एक श्रद्धालु ने दूसरे का फोड़ा सिर, प्रेग्नेंट पत्नी को धक्का लगने पर हुआ विवाद पिता कोचिंग के बाहर लगाते है ठेला, बेटी ने क्रैक किया JEE मेन्स, बनेगी इंजीनियर रेवन्ना मामला: राहुल गांधी ने सीएम सिद्धरमैया को लिखा लेटर, जानें क्या कहा आयरा-नुपूर की शादी का नया वीडियो आया सामने, बेटी की शादी पर खूब रोए थे आमिर खान खूनी झड़प में बदली छात्रों की वर्चस्व की लड़ाई, स्कूल के बाहर चाकूबाजी में दो घायल सत्ता में बने रहने के लिए BJP हिंदुओं में डर पैदा करने की कर रही है कोशिश, फारूक अब्दुल्ला ने साधा न... मई का महीना कूल-कूल… दिल्ली-UP, हरियाणा समेत इन राज्यों में बारिश का अलर्ट, गर्मी से लोगों को मिलेगी... ‘जानते थे फिर भी रेवन्ना को दिया टिकट’… कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत्र का पीएम पर हमला पुंछ में वायुसेना के काफिले पर आतंकी हमला, कई जवान घायल पाकिस्तान में बिरयानी को लेकर बवाल, पैसे मांगने पर भड़के ग्राहकों ने की तोड़फोड़

Punjab Election Result 2022 : पंजाब में नहीं चला दलित फैक्टर, जात पात के मुद्दे को जनता ने नकारा

नई दिल्‍ली। पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी निर्णायक बहुमत की ओर बढ़ रही है। कांग्रेस ने पंजाब में अमरिंदर सिंह को सीएम की कुर्सी से हटाते हुए दलित चेहरे पर दांव लगाते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्‍यमंत्री बनाया था। पंजाब में कांग्रेस दलित कार्ड खेला था जो असफल हुआ है। पंजाब की जनता ने कांग्रेस की ओर से उठाए गए मसलों के बजाए आम आदमी पार्टी के मुद्दों को पसंद किया है। आइए जानें पंजाब में किन मुद्दों की बदौलत आम आदमी पार्टी को सफलता मिली है।

क्‍या सत्ता विरोधी लहर को भांप नहीं पाई कांग्रेस

मौजूदा चुनाव के नतीजों को देखने से लग रहा है कि कांग्रेस के खिलाफ सत्‍ता विरोधी लहर भी थी जिसे शायद उसने भांपने में गलती कर दी। पंजाब में बेरोजगारी और नशाखोरी से मुक्ति जैसे गंभीर मसले थे। यही नहीं भ्रष्‍टाचार जैसी समस्‍या से भी आवाम परेशान थी। साल 2017 में कांग्रेस ने बड़ी संख्‍या में युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था लेकिन सूबे में बेरोजगारी की दर अंत तक चुनौती बनी रही। भ्रष्‍टाचार और नशाखोरी की समस्‍या भी खत्‍म नहीं की जा सकी।

नहीं चला दलित कार्ड

कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के अंत में दलित कार्ड के तौर पर चरणजीत सिंह चन्नी को चुनावी समर में उतारा लेकिन इसने पार्टी की अंदरूनी कलह को और बढ़ाने का काम किया। इससे जनता के बीच गलत संदेश गया जिससे दलित समाज भी अछूता नहीं रहा। चुनाव के अंत तक नवजोत सिंह सिद्धू, चरणजीत सिंह चन्नी और सुनील जाखड़ सरीखे दिग्‍गज नेताओं के बीच कथित तनातनी बरकरार रही। चरणजीत सिंह चन्नी के करीबियों पर गंभीर आरोप भी लगे जिसे विपक्षी पार्टियों ने जोरशोर से उछाला। यही नहीं शिरोमणि अकाली दल का बसपा से गठबंधन भी कोई रंग नहीं जमा पाया।

दिल्‍ली माडल और गंभीर समस्‍याओं पर किया फोकस

वहीं आम आदमी पार्टी ने शुरू से ही बेरोजगारी, नशे के कारोबार पर रोक, भ्रष्टाचार से मुक्ति जैसे प्रमुख चुनावी एजेंडों पर फोकस किया था। आम आदमी पार्टी ने अपने दिल्ली माडल का जमकर प्रचार किया और मतदाताओं का भरोसा जीतने की कोशिश की। आम आदमी पार्टी ने सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की दशा सुधारने का वादा किया। यही नहीं चुनावी जनसभाओं में किसानों की समस्याओं को हल करने की बातें भी कही। किसान आंदोलन के दौरान भी केजरीवाल पंजाब के किसानों के साथ नजर आए। चुनाव से ठीक पहले भगवंत सिंह मान को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करना भी पक्ष में गया जो मालवा में लोकप्रिय सिख चेहरा हैं।

महाकाल मंदिर में एक श्रद्धालु ने दूसरे का फोड़ा सिर, प्रेग्नेंट पत्नी को धक्का लगने पर हुआ विवाद     |     पिता कोचिंग के बाहर लगाते है ठेला, बेटी ने क्रैक किया JEE मेन्स, बनेगी इंजीनियर     |     रेवन्ना मामला: राहुल गांधी ने सीएम सिद्धरमैया को लिखा लेटर, जानें क्या कहा     |     आयरा-नुपूर की शादी का नया वीडियो आया सामने, बेटी की शादी पर खूब रोए थे आमिर खान     |     खूनी झड़प में बदली छात्रों की वर्चस्व की लड़ाई, स्कूल के बाहर चाकूबाजी में दो घायल     |     सत्ता में बने रहने के लिए BJP हिंदुओं में डर पैदा करने की कर रही है कोशिश, फारूक अब्दुल्ला ने साधा निशाना     |     मई का महीना कूल-कूल… दिल्ली-UP, हरियाणा समेत इन राज्यों में बारिश का अलर्ट, गर्मी से लोगों को मिलेगी राहत     |     ‘जानते थे फिर भी रेवन्ना को दिया टिकट’… कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत्र का पीएम पर हमला     |     पुंछ में वायुसेना के काफिले पर आतंकी हमला, कई जवान घायल     |     पाकिस्तान में बिरयानी को लेकर बवाल, पैसे मांगने पर भड़के ग्राहकों ने की तोड़फोड़     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें