Breaking
कलेक्टर के पास पहुंचे ग्रामीण, कहा- अवैध बिक्री रोकने पुरानी भट्टी खोलें हिंदू धर्म अपनाने पर आग बबूला हुए भाई, बदायूं में आकर दंपती को पीटा, एक आरोपी गिरफ्तार इंदौर की लक्ष्मीबाई अनाज मंडी में किसानों का हंगामा, सड़क पर उतरे, चक्काजाम कार और ऑटो की भिड़ंत में पांच की मौत, तीन की हालत नाजुक RCDF ने बढ़ाई सरस घी की कीमतें, 15 से 20 रुपए प्रति लीटर महंगे किए दाम इस फैसले से शेयरों में फिर आई गिरावट, अडानी को लगा एक और झटका कई बिजनेसमैन के यहां तलाशी, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर और रायगढ़ में चल रही कार्रवाई मुंबई इंडियंस की टीम को मिला दुनिया का सबसे खूंखार बल्लेबाज, दूर हुई रोहित की टेंशन नर्मदा का जलस्तर घटा, 2017 जैसे जलसंकट की आहट निर्माणाधीन शुगर मिल में काम कर रहे मजदूरों पर गिरा बॉयलर का भारी पैनल, एक की मौत कई घायल

अवैध संतान को मिल सकती है अनुकंपा नियुक्ति,छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला

रायपुर|   अवैध संतान को अनुकंपा नियुक्ति मिलनी चाहिए या नहीं? इस दुविधा भरी स्थिति को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पिता की मौत पर ‘अवैध’ संतान को भी अनुकंपा नौकरी दी जा सकती है। पीयूष कुमार अंचल की याचिका पर जस्टिस संजय कुमार अग्रवाल की पीठ ने छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन से अनुकंपा नियुक्ति के लिए याचिकाकर्ता के आवेदन पर विचार करने का निर्देश दिया है।

दूसरी पत्नी के बेटे ने किया आवेदन

दरअसल, कॉर्पोरेशन ने अंचल के आवेदन को यह कहकर खारिज कर दिया था कि वह वैध उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर सके। याचिका के मुताबिक वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन की प्रतापपुर ब्रांच में मोहन लाल अंचल जूनियर असिस्टेंट के पद पर कार्यरत थे। कोरोना संक्रमण से उनकी मौत हो गई। याचिकाकर्ता पीयूष अंचल ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने कहा कि वह मोहन की दूसरी पत्नी के बेटे हैं और इसलिए उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया है।

पहली पत्नी के बेटे की भी अर्जी

मोहन की पहली पत्नी का बेटा होने का दावा करने वाले सुरेश कुमार अंचल ने भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए दावा कर दिया। वहीं, पीयूष ने याचिका में बताया कि उनके पिता ने उनकी मां का नाम नॉमिनेशन फॉर्म में भी दर्ज कराया था। जब उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया तो वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन ने उन्हें उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जमा कराने को कहा।

इस आधार पर मना नहीं किया जा सकता कि वह अवैध संतान है

कॉर्पोरेशन ने पीयूष के दावे को यह कहकर ठुकरा दिया कि वह वैध उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जमा नहीं कर सके। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मृतक कर्मचारी की संतानों को वैध और अवैध के तौर पर बांटकर और वैध संतान का ही अधिकार मानकर पॉलिसी में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा, ‘भले ही कोई अवैध संतान हो, लेकिन अगर वह मृतक सरकारी कर्मचारी का बेटा है तो वह अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए विचार किए जाने का हकदार होगा। उसे इस आधार पर मना नहीं किया जा सकता कि वह अवैध संतान है।’

दोनों आवेदनों पर विचार करने के लिए कहा

हाई कोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए कॉर्पोरेशन से पीयूष और सुरेश दोनों के आवेदनों पर विचार करने के लिए कहा है और नियमों के तहत मेरिट के आधार पर 45 दिन के भीतर फैसला किया जाए।

इससे पहले जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि दूसरी शादी (अमान्य है) से पैदा हुआ बच्चा वैध है और उसे अनुकंपा के आधार पर नौकरी से मना नहीं किया जा सकता है। दरअसल, पहली शादी के होते हुए हिंदू मैरिज ऐक्ट में दूसरी शादी अवैध मानी जाती है।

कलेक्टर के पास पहुंचे ग्रामीण, कहा- अवैध बिक्री रोकने पुरानी भट्टी खोलें     |     हिंदू धर्म अपनाने पर आग बबूला हुए भाई, बदायूं में आकर दंपती को पीटा, एक आरोपी गिरफ्तार     |     इंदौर की लक्ष्मीबाई अनाज मंडी में किसानों का हंगामा, सड़क पर उतरे, चक्काजाम     |     कार और ऑटो की भिड़ंत में पांच की मौत, तीन की हालत नाजुक     |     RCDF ने बढ़ाई सरस घी की कीमतें, 15 से 20 रुपए प्रति लीटर महंगे किए दाम     |     इस फैसले से शेयरों में फिर आई गिरावट, अडानी को लगा एक और झटका     |     कई बिजनेसमैन के यहां तलाशी, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर और रायगढ़ में चल रही कार्रवाई     |     मुंबई इंडियंस की टीम को मिला दुनिया का सबसे खूंखार बल्लेबाज, दूर हुई रोहित की टेंशन     |     नर्मदा का जलस्तर घटा, 2017 जैसे जलसंकट की आहट     |     निर्माणाधीन शुगर मिल में काम कर रहे मजदूरों पर गिरा बॉयलर का भारी पैनल, एक की मौत कई घायल     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 8860606201