इंदौर। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव का न्याय का देवता कहा गया है। शनिदेव हर व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार फल देते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष हो तो उसे जीवन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ज्योतिष में शनि दोष की शांति के लिए भी कई तरह उपाय बताए गए हैं। यहां पंडित आशीष शर्मा में शनि ग्रह की शांति के उपायों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
धतूरे की जड़ का महत्व
पंडित आशीष शर्मा के मुताबिक, किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष होने पर उसका जीवन कष्टमय हो जाता है। ऐसे में धतूरे की जड़ से जुड़े कुछ उपाय करना फायदेमंद हो सकता है। यह उपाय उन लोगों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। आयुर्वेद में भी धतूरे की जड़ के महत्व के बारे में बताया गया है। धतूरे की जड़ नर्व सिस्टम और गठिया रोग से मुक्ति पाने के लिए भी यह बेहद कारगर होती है।
ऐसे धारण करें धतूरे की जड़
पंडित आशीष शर्मा के मुताबिक, धतूरे की जड़ को शनिवार के दिन धारण करना चाहिए। इस धारण करने से पहले गंगाजल से साफ कर लेना चाहिए और इस “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करते हुए पहनना चाहिए। धतूरे की जड़ को नीले कपड़े में लपेटकर दाहिने हाथ की बाजू में बांधना चाहिए। ज्योतिष के मुताबिक, धतूरे की जड़ को धारण करने से धन संबंधित परेशानियां दूर हो जाती है। इसके अलावा यदि किसी शत्रु से भय है तो धतूरे की जड़ की जड़ को अश्लेषा नक्षत्र में घर में लाकर रखना चाहिए।
धतूरे का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में धतूरे के पौधे का धार्मिक महत्व भी बताया गया है। धतूरे का फूल और फल भगवान शिव का बहुत पसंद होता है। घर पर काले धतूरे का लगाना शुभ माना जाता हैं। इससे घर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
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