रतलाम। रतलाम के बेटे ने अपनी जान जाने के बाद अंगदान कर तीन व्यक्तियों की जिंदगी रोशन की। मांगीलाल पटवारी के पौत्र, प्रकाश परिहार के पुत्र, गगन वर्मा, राघव वर्मा, माधव परिहार के छोटे भाई व राधे परिहार के बड़े भाई अलकापुरी निवासी यथार्थ परिहार (दाऊ) का निधन हो गया।
दाऊ की शादी को 14 जून को मात्र दो माह ही हुए थे और उसके हाथों की मेहंदी भी नहीं निकली थी। यथार्थ डायलिसिस टेक्नीशियन था और डायलिसिस के माध्यम से मानव सेवा के पथ पर अग्रसर था।
ड्यूटी खत्म होने के बाद भी अगर उसको काॅल आता था, तब भी वह सेवा के लिए तत्पर रहता था और सेवा के लिए तुरंत हाॅस्पिटल पहुंचता था।
छत से गिरने के कारण यथार्थ के सिर में गंभीर चोट लगी थी। इसके बाद उसे वड़ोदरा रेफर किया गया था। वड़ोदरा के पारूल सेवा आश्रम मेडिकल महाविद्यालय के अस्पताल में आईसीयू में वेंटिलेटर पर जीवन और मृत्यु के बीच करीब 15 दिनों तक संघर्ष करते हुए 16 जून को उसका निधन हो गया।
यथार्थ के पिता प्रकाश परिहार ने पुत्र की मौत जैसा वज्रपात होने के बाद अंगदान करने का साहसिक व ऐतिहासिक निर्णय लिया। डाॅक्टरों की टीम ने हृदय व दोनों नेत्रों उत्सर्जित किए।