प्रयागराज में अगले साल महाकुंभ के धार्मिक उत्सव का आयोजन होने जा रहा है. प्रयागराज में ये उत्सव 13 जनवरी से शुरू हो जाएगा. महाकुंभ में किए जाने वाले शाही स्नान का बहुत महत्व है. इस महाकुंभ में कुल छह शाही स्नान किए जाएंगे. 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन से शाही स्नान शुरू हो जाएंगे और महाशिवरात्रि पर खत्म होंगे.
इन छह शाही स्नानों में एक स्नान माघी या माघ पूर्णिमा को किया जाएगा. आइए जानते हैं ये शाही स्नान किस तारीख को किया जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त क्या है. साथ ही हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का महत्व क्या है.
माघी पूर्णिमा का शाही स्नान कब
माघ में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाता है. महाकुंभ के दौरान माघी पूर्णिमा 12 फरवरी को मनाई जाएगी. इस दिन स्नान का ब्रह्म मुहूर्त 5 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगा और 6 बजकर 10 मिनट पर खत्म हो जाएगा. माघी पूर्णिमा का स्नान सामान्य दिनों में भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.
माघी पूर्णिमा का महत्व
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, माघी पूर्णिमा पर देवताओं का धरती पर आगमन होता है. इस दौरान देवता मनुष्य का रूप धारण करते हैं. माघी पूर्णिमा पर देवता मनुष्य रूप में त्रिवेणी संगम में स्नान-दान और ध्यान करते हैं. मान्यता है कि इस दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. साथ ही इस दिन पूजा-पाठ करने वालों की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार पौष पूर्णिमा पर शुरु होने वाला कल्पवास माघी पूर्णिमा पर खत्म हो जाता है.
भगवान विष्णु करते हैं कृपा
हिंदू धर्म शास्त्रोंं के अनुसार, माघी पूर्णिमा के दिन स्नान करने वालों पर जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु की कृपा होती है. माना जाता है कि इस दिन स्नान करने वालों को भगवान विष्णु मोक्ष प्रदान करते हैं. इस दिन पितरों के श्राद्ध की भी मान्यता है. माघी पूर्णिमा पर दान भी किया जाता है. इस दिन गरीबों को भोजन अवश्य ही दान में देना चाहिए.