शॉपिंग करने राजवाड़ा जाना तो कैश साथ ले जाना, 650 दुकानों में UPI से पेमेंट बंद… कारण हैरान करने वाला
इंदौर। राजवाड़ा क्षेत्र में यदि आप खरीदी करने के लिए निकल रहे हैं तो नकद रुपया ही साथ लेकर निकलें। उन लोगों को ये बात ध्यान रखना होगी जो कपड़े खरीदने जा रहे हैं। क्षेत्र के कपड़ा व्यापारी अब यूपीआई से भुगतान नहीं ले रहे हैं।
एक-दो से शुरू करते हुए कुल करीब साढ़े छह सौ व्यापारियों ने इस बारे में अपने काउंटरों पर सूचना चस्पा कर दी है। सायबर फ्राड को इसकी वजह बताया जा रहा है। क्षेत्र के कपड़ा कारोबारी अब खरीदी के बदले होने वाले भुगतान को या तो नकद ले रहे हैं या फिर कार्ड के जरिए। इसकी शुरुआत दो-चार दुकानों से हुई थी।
सभी दुकानों में लगाई गई सूचना
अब सभी दुकानों पर इस बारे में सूचना लिखी दिखाई दे रही है। मोबाइल के जरिए यूपीआई से भुगतान के आदी हो चुके कई ग्राहक इससे परेशान होकर शिकायत भी कर रहे हैं। हालांकि इंदौर रिटेल रेडीमेड गारमेंट एसोसिएशन भी व्यापारियों के कदम को सही करार देकर उनके साथ खड़ा नजर आ रहा है।
एसोसिएशन ने इसे लागू करने के लिए सभी सदस्यों को सूचना भी जारी कर दी। बताया जा रहा है कि बीते समय से कई ऐसे में मामले सामने आए जिसमें भुगतान करने वाला सायबर फ्राड में शामिल होगा। या उसके यूपीआइ में कुछ फर्जीवाड़ा हुआ होगा। ऐसे व्यक्ति के खरीदी करने के बदले यूपीआई से भुगतान करने पर व्यापारियों को बैंक और पुलिस के चक्कर काटना पड़ रहे हैं।
इंदौर में 25 व्यापारियों के खाते किए गए फ्रीज
इंदौर रिटेल रेडीमेड गारमेंट एसोसिएशन ने यूपीआई से किनारा करने का कारण बताते हुए कहा है कि बीते दिनों करीब 25 व्यापारियों के खाते बैंक ने फ्रीज कर दिए। व्यापारियों को पहले सूचना भी नहीं मिली। जब किसी अन्य व्यापारी ने भुगतान के चेक लगाए और वे बाउंस हुए तो हमें पता चला।
बैंक में पहुंच तो बताया गया कि कहीं सायबर धोखाधड़ी हुई। किसी ऐसे मोबाइल से या यूपीआई एप्लीकेशन से किसी व्यापारी को काउंटर पर भुगतान हुआ जो ऐसे मामले में जुड़ा होगा या उसके खाते में फर्जीवाड़े का पैसा आया होगा। उसने खरीदी का भुगतान किया होगा तो व्यापारी पर कार्रवाई हो गई।
सायबर धोखाधड़ी में जानकारी लेने के लिए पुलिस की ओर से बैंक को पत्र गया तो बैंक ने ऐसे भुगतान के लिए संबंधित व्यापारी का पूरा खाता ही फ्रीज कर दिया। व्यापारी के अपने खातों में लाखों रुपये जमा है, लेकिन किसी व्यक्ति से यूपीआई से पैसा लेने के कारण उसका पूरा पैसा फ्रीज किया गया है।