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धार्मिक

कल मनाई जाएगी विजयादशमी, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

इंदौर।  विजयादशमी सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। इस त्योहार का हिंदुओं के बीच बहुत धार्मिक महत्व है। यह आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा या विजयादशमी मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान श्री राम के साथ-साथ मां दुर्गा की भी पूजा करते हैं।

विजयादशमी पर करें इन चौपाई का पाठ –

”कहि न जाइ कछु नगर बिभूती। जनु एतनिअ बिरंचि करतूती।।

सब बिधि सब पुर लोग सुखारी। रामचंद मुख चंदु निहारी।।”

”एक समय सब सहित समाजा। राजसभां रघुराजु बिराजा।।

सकल सुकृत मूरति नरनाहू। राम सुजसु सुनि अतिहि उछाहू।।”

”मुदित मातु सब सखीं सहेली। फलित बिलोकि मनोरथ बेली।।

राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ। प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ।।”

विजयादशमी शुभ मुहूर्त

दशमी तिथि का प्रारम्भ 23 अक्टूबर – शाम 05:44 बजे तक।

दशमी तिथि का समापन 24 अक्टूबर- शाम 03:14 तक।

दशमी तिथि विजय मुहूर्त – दोपहर 01:26 बजे से दोपहर 02:12 बजे तक।

विजयादशमी महत्व

भारत में दशहरे का बहुत धार्मिक महत्व है। नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए भी लोग इस त्योहार को मनाते हैं। दशहरा की कहानी हिंदू पौराणिक कथाओं से जुड़ी हुई है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान राम ने राक्षस रावण का वध किया था। इसी दिन मां दुर्गा ने भयानक राक्षस महिषासुर का वध किया था। ऐसे में इस दिन को असत्य पर सत्य की जीत के रूप में भी माना जाता है। इसके अलावा इस दिन कई जगहों पर रामलीला का भी आयोजन होता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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