ब्रेकिंग
विदा होते ही किडनैप हो गई दुल्हन, फिर पता चला ऐसा खुफिया सीक्रेट… दूल्हे राजा के उड़ गए होश सोनम के 2 प्लान होते कामयाब तो बच जाता राजा रघुवंशी… ऑपरेशन हनीमून में फिर नया खुलासा 23 महीने के बच्चे समेत 7 की मौत-UP-गुजरात-महाराष्ट्र के यात्री-गौरीकुंड में क्रैश… केदारनाथ हेलिकॉप्... कहीं गिरे पेड़ तो कहीं मोबाइल टावर, दिल्ली में आंधी-बारिश का कहर, अगले 5 दिन कैसा रहेगा मौसम? जहाज में उठी आग की लपटें, नौसेना ने एयर ऑपरेशन को दिया अंजाम, लोगों को ऐसे बचाया अपनों को तलाशती आंखें… DNA टेस्ट में लगेगा वक्त, आखिर कब तक परिजनों को मिलेंगे हादसे में मृत लोगों क... भाभी से झगड़ा हुआ तो बिजली के खंभे पर चढ़ी ननद… पुलिस ने ऐसे किया मामला शांत आरोपियों को गिरफ्तार करने गई पुलिस, नहीं मिले तो उनकी मां से की मारपीट… मौत के बाद सड़कों पर उतरे लो... मछलियां ले गए दबंग, पुलिस ने मदद नहीं की तो मोबाइल टावर पर चढ़ा शख्स… 3 घंटे तक चला हाई वोल्टेज ड्रा... अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे, नदी पर नहाने गए… सरयू में 5 डूबे; 2 की मौत
देश

निपाह वायरस: केरल के बाद राजस्थान में भी अलर्ट जारी, सभी CMHO को किया सचेत

कोच्चि: 23 वर्षीय कॉलेज छात्र की वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के साथ ही निपाह ने दोबारा केरल में दस्तक दे दी है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के. शैलजा ने बताया कि निपाह विषाणु की चपेट में आने वाले कॉलेज छात्र की स्थिति स्थिर है, वहीं निगरानी में रखे गए 5 अन्य की स्थिति में सुधार हो रहा है, जिनके जांच परिणाम गुरुवार शाम तक आने की उम्मीद है। इसके अलावा विभिन्न जिलों से छात्र के संपर्क में रहे 311 लोगों पर स्वास्थ्य विभाग निगरानी रख रहा है। वहीं राजस्थान में चिकित्सा विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। सभी जिलों के सी.एम.एच.ओ. को भी सचेत कर दिया है।
रिबाविरिन एंटी वायरल कुछ मामलों में हुआ है सहायक
मनुष्य ने चमगादड़ों के निवास स्थान को नष्ट कर दिया है। चमगादड़ तनावग्रस्त हो जाते हैं और भूखे रहते हैं। उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। वायरस का भार बढ़ जाता है और यह मूत्र और लार से बाहर आता है, इससे वायरस फैलता है। यह वायरस जानवरों और फिर मनुष्यों में फैलता है। जिसका अभी तक कोई इलाज या टीका उपलब्ध नहीं है। इस संक्रमण के लिए सिर्फ लक्षणों और सपोर्टिव केयर को ध्यान में रखकर ही उपचार किया जाता है, हालांकि रिबाविरिन नाम का एक एंटी वायरल कुछ मामलों में सहायक हुआ है।
यहां से हुई उत्पत्ति 
निपाह वायरस 1998 में मलेशिया के एक गांव में कम्पुंग सुंगई निपाह में सामने आया था। इसी गांव के नाम पर वायरस का नाम रखा गया। इसका प्रकोप आमतौर पर दिसंबर से मई के दौरान फैलता है और इसका संक्रमण काल 6 से 21 दिनों तक का होता है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि इंसानों को चमगादड़ प्रभावित क्षेत्रों में धकेलने के कारण बीमारी सामने आई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button