मेनका गांधी बनीं स्पीकर तो सोनिया को माननी होगी देवरानी की हर बात

17वीं लोकसभा के दौरान संसद में देवरानी और जेठानी को लेकर अजीब सियासी तकरार देखने को मिल सकती है क्योंकि देवरानी मेनका गांधी को भाजपा लोकसभा का स्पीकर बनाने की तैयारी कर रही है तो वहीं जेठानी सोनिया गांधी कांग्रेस संसदीय दल की नेता बनाई गई हैं। संसद में कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी स्पीकर की होती है और इस भूमिका में वह अपनी जेठानी सोनिया गांधी को संसद में आदेश तक दे सकती है और बतौर सांसद सोनिया को उनके आदेश की पालना करनी पड़ेगी। हालांकि यह तब होगा जब भाजपा मेनका गांधी को ही लोकसभा की स्पीकर बनाए।
मेनका गांधी के अलावा भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं का नाम इस पद के लिए चर्चा में है लेकिन मेनका गांधी सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं क्योंकि वह पिछले 8 बार से लगातार सांसद बन रही हैं और सबसे अनुभवी सदस्य हैं और अध्यक्ष पद के लिए एक स्वाभाविक विकल्प हैं। उनके अलावा 6 बार चुनाव जीत चुके राधा मोहन सिंह का नाम भी इस पद के लिए चर्चा में है। उनकी संगठन पर गहरी पकड़ है और विनम्र स्वभाव के चलते उनकी छवि सबको साथ लेकर चलने वाले नेता की है। उन्हीं के समान वीरेंद्र कुमार भी लगातार 6 बार चुनाव जीत चुके हैं।
लिहाजा उन्हें भी दावेदार माना जा रहा है। इन दोनों के अलावा एस.एस. आहलूवालिया का नाम भी चर्चा में है। वह पिछली सरकार में संसदीय कार्य राज्यमंत्री थे और उन्हें विधायी कामों की अच्छी-खासी जानकारी है। बहरहाल लोकसभा की पहली बैठक 17 जून को होगी और 19 जून को स्पीकर का चयन किया जाएगा और उसी समय यह साफ होगा कि अगले 5 साल तक संसद की कार्रवाई कौन चलाएगा।