ब्रेकिंग
पन्ना के 50 करोड़ के 'हीरे' का राज़ खुला! खनिज अधिकारियों की टीम ने सुलझाया सस्पेंस, क्या था पूरा रह... धार में चमत्कार! रातों-रात अरबपति बना आम शख्स, खाते में आ गई 2800 करोड़ से ज़्यादा की रकम झारखंड में बड़ा स्वास्थ्य घोटाला: थैलेसीमिया पीड़ित 5 बच्चों को चढ़ा HIV संक्रमित ब्लड, रिपोर्ट पॉजि... CM मोहन यादव का तत्काल एक्शन! गंभीर BJP नेता मुकेश चतुर्वेदी को ग्वालियर वेदांता में कराया एयरलिफ्ट,... समाज के लिए आस्था! 8 साल से छठी मैया का व्रत रख रही बलिया की किन्नर, बेहद दिलचस्प है उनके त्याग और भ... असिन के पति हैं ₹1300 करोड़ के मालिक, एक्ट्रेस असिन की संपत्ति जान उड़ जाएंगे आपके होश! रात में बल्ब के पास मंडराने वाले कीटों से हैं परेशान? अपनाएं ये 5 अचूक घरेलू उपाय, तुरंत मिलेगी राहत हमास से हुआ सीजफायर, फिर क्यों गाजा में अभी भी हमले कर रहा इजराइल? क्रिएटर्स को बड़ी राहत! Reels के दीवानों के लिए आया नया फीचर, अब ये दिक्कत नहीं आएगी सामने वास्तु शास्त्र: भूलकर भी घर की छत पर न रखें ये 5 चीजें, हो सकते हैं कंगाल, तुरंत हटा दें।
मध्यप्रदेश

कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर पद के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर जिला अस्पताल पहुंचा युवक, ऐसे पकड़ा गया

 सागर। सागर जिला अस्पताल में कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर की पोस्ट के लिए एक युवक फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर पहुंच गया। इसका राजफाश तब हुआ, जब डाॅक्टरों ने उसका मेडिकल के पूर्व दस्तावेज देखे। युवक को यह नियुक्ति पत्र मकरोनिया में एक शख्स ने दिया था।

बताया जा रहा है कि कुछ दिन पूर्व भी एक और शख्स इसी तरह का फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर आया था। कुल मिलाकर सागर शहर में बेरोजगार युवकों को पैसे लेकर नौकरी लगवाने वाला गिरोह घूम रहा है, जो खुलेआम ठगी कर रहे हैं।

यह बात मंगलवार की है, जब सागर जिला अस्पताल में मेडिकल बोर्ड बैठा हुआ था। सुबह करीब 11 बजे मेडिकल बोर्ड के समक्ष रजाखेड़ी निवासी सिक्की समाधिया नाम का एक युवक कप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नियुक्ति लेने आया। युवक ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अस्पतालों में होने वाली कम्प्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति का पत्र साथ में लाकर दिखाया।

पत्र में जिला अस्पताल के डायरेक्टर के हस्तक्षर थे। वहां मौजूद डाॅक्टरों और लिपिकों ने जब युवक द्वारा दिखाए गए पत्र को देखा तो उन्हें संदेह हुआ।

नियुक्ति पत्र रंगीन था, जो कि नहीं होता है, साथ ही पत्र के नीचे जिला अस्पताल के डायरेक्टर का पद लिखते हुए नाम का जिक्र नहीं था। जबकि जिला अस्पताल में डायरेक्टर जैसा कोई पद नहीं होता।

जिला अस्पताल का सर्वोसर्वा अधिकारी सिविल सर्जन होता है। लेटर का ले आउट और पद और हस्ताक्षर देखकर संदेह हो गया, जिसके बाद उसे सिविल सर्जन के कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की गई।

फर्जी नियुक्ति पत्र के साथ नौकरी करने आए युवक का नाम सिक्की समाधिया बताया गया। युवक रजाखेड़ी में कम्प्यूटर की दुकान संचालित करता है।

पूछताछ के दाैरान युवक ने बताया कि एक दिन उसकी दुकान पर शुभम चतुर्वेदी नाम का एक शख्स आया, जिसने जिला अस्पताल में उसकी नियुक्ति करवाने की बात कही थी।

उसी ने सिक्की से एक फार्म भरवाकर उससे कुछ रुपये लिए और कुछ दिन बाद मोबाइल पर नियुक्ति पत्र भिजवा दिया। लेटर में 25 जून को जिला अस्पताल में ज्वाॅइन करने का लिखा था।

पूछताछ के दौरान युवक ने ज्वाॅइनिंग लेटर देने वाले शख्स का नंबर भी दिया, जिसमें काॅल करने पर उस पर दूसरे व्यक्ति ने बात की। जिसने बताया कि शुभम इस तरह के काम करता रहता है और नंबर मेरा दे रखा है।

Related Articles

Back to top button