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कनाडा की PR हासिल करने वालों में 25% भारतीय

नई दिल्ली: भारत छोड़कर किसी दूसरे देश में बसने वालों को कनाडा बहुत रास आ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में कनाडा की पी.आर.(परमानैंट रैजिडैंसी) हासिल करने वाले हर 4 व्यक्तियों में एक भारतीय था। गत वर्ष कनाडा ने 3.41 लाख विदेशियों को परमानैंट रैजिडैंसी दी, जिनमें शीर्ष पर 85,585 (25.1 प्रतिशत) भारतीय थे। यह दूसरी बार हुआ है कि कनाडा में 3 लाख से अधिक विदेशियों को परमानैंट रैजिडैंसी दी गई है। परमानैंट रैजिडैंसी अमरीका के ग्रीन कार्ड के समान है, जिसके आधार पर कोई व्यक्ति कनाडा में कहीं भी रहने, काम करने या अध्ययन करने का अधिकार प्राप्त करता है।

कनाडा में वर्ष 2018 के मुकाबले 2019 में 6.2 प्रतिशत ज्यादा विदेशी नागरिकों को पी.आर. दी गई है। पिछले वर्ष 2018 में 3.21 लाख विदेशियों ने पी.आर. हासिल की थी, जबकि 2017 में यह लक्ष्य 2.86 लाख था जोकि 2018 में 19 प्रतिशत ज्यादा था। इस वर्ष कनाडा की सरकार ने 3.5 लाख विदेशी लोगों को पी.आर. देने का लक्ष्य रखा है। कनाडा की पी.आर. हासिल करने वालों की सूची में भारत शीर्ष पर है, जोकि पिछले साल के मुकाबले 22.3 प्रतिशत ज्यादा है, जबकि 2017 से तुलना करें तो 66 प्रतिशत से ज्यादा भारतीयों को कनाडा की पी.आर. मिली है। पी.आर. चाहने वालों में न केवल भारत से सीधे माइग्रेट करने वाले लोग शामिल हैं, बल्कि अमरीका में एच-1बी वीजा धारक भी शामिल हैं, जो वीजा नवीकरण से संबंधित चुनौतियों के कारण और दशकों से कनाडा में ग्रीन कार्ड हासिल करने का इंतजार कर रहे थे।
दूसरे नंबर पर चीन
भारत के बाद कनाडा की सबसे ज्यादा पी.आर. हासिल करने में दूसरा नंबर चीन का है। 2019 में कुल 30,260 चीनियों को कनाडा की पी.आर. हासिल हुई, जोकि वर्ष 2018 के मुकाबले प्रतिशत के हिसाब से 1.85 प्रतिशत कम है। 2017 के आंकड़ों के साथ तुलना की जाए तो यह वृद्धि शून्य से 0.03 प्रतिशत   कम है। कनाडा की पी.आर. लेने वालों में 5 शीर्ष देशों   में भारत और चीन के अलावा फिलीपींस, नाइजीरिया और अमरीका के नागरिक शामिल हैं।
स्पाऊस वीजा पर गए 27 प्रतिशत को परमानैंट रैजिडैंसी  
पिछले रुझानों से पता चलता है कि योग्य आप्रवासियों में से 80 प्रतिशत ने कनाडा की नागरिकता हासिल की है। यह भी पता चला है कि पढ़ाई के लिए कनाडा गए लोगों, जिनके पास पिछले सालों में काम का कोई रिकार्ड नहीं, उन्हें अभी पी.आर. हासिल करने के लिए इंतजार करना होगा। वर्ष 2019 में जिन लोगों को पी.आर. दी गई उनमें 58 प्रतिशत (1.96 लाख) लोग इकनॉमिक क्लास में आते हैं और 27 प्रतिशत स्पाऊस वीजा पर और बाकी 15 प्रतिशत शरणाॢथयों को पी.आर. हासिल हुई है। कनाडा की इमीग्रेशन लॉ फर्म के सीनियर पार्टनर डेविड कोहेन ने कैम्पबैल कोहेन में बातचीत में बताया कि आर्थिक विकास के लिए सरकार दुनिया के हरेक हिस्से से बड़े स्तर पर लोगों को कनाडा आमंत्रित कर रही है और कनाडा जाकर बसने वालों में सबसे ज्यादा संख्या भारतीयों की है। कनाडा में काम करने और स्थायी रूप से बसने के लिए बड़ी संख्या में योग्य आप्रवासियों के लिए 2015 से कनाडा की सरकार ने एक्सप्रैस एंट्री प्वाइंट-बेस्ड इमीग्रेशन सिस्टम लांच किया है। भारतीयों के लिए कनाडा में बसने का यह सबसे आसान मार्ग है। एक्सप्रैस एंट्री सिस्टम के तहत 3 अार्थिक आव्रजन श्रेणियां आती हैं जिनमें फैडरल स्किल्ड वर्कर क्लास, कनाडियन एक्सपीरियंस क्लास और फैडरल स्किल्ड ट्रेड क्लास शामिल हैं। यह एक प्वाइंट बेस्ड सिस्टम है और जनवरी में निकले 2 ड्रा में कट-ऑफ 473 और 471 प्वाइंट रहा। हरेक राऊंड में 34,000 लोगों को आमंत्रित किया जाएगा।

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