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आतंकवादियों और भ्रष्टचारियों को नहीं मिल सकता निजता का अधिकार: रविशंकर प्रसादकेन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा कि आतंकवादियों और भ्रष्ट लोगों को निजता का कोई अधिकार नहीं है और ऐसे लोगों को व्यवस्था का दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिये। कानून मंत्री ने उच्चतम न्यायालय में ‘न्यायपालिका और बदलती दुनिया’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन 2020 में कहा कि लोकलुभावनवाद को कानून के तय सिद्धांतों से ऊपर नहीं होना चाहिये।  प्रसाद ने कहा कि शासन की जिम्मेदारी निर्वाचित प्रतिनिधियों और निर्णय सुनाने का काम न्यायाधीशों पर पर छोड़ देना चाहिये। उन्होंने कहा कि यह वैश्विक चुनौतियों का समय है। हम संकल्प की तलाश कैसे करते हैं? यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न बना हुआ है। मेरा स्पष्ट मत है कि एकमात्र कानून के शासन द्वारा शासित होने के पारंपरिक तरीके पर वापस लौटना ही सही रास्ता है। बता दें कि इस विश्व स्तरीय सम्मेलन में कई देशों के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य जज और कई हस्तियां शिरकत कर रही हैं। इस अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन में देश की राजधानी में 47 देशों के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस) के जज भी भाग ले रहे हैं।

केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा कि आतंकवादियों और भ्रष्ट लोगों को निजता का कोई अधिकार नहीं है और ऐसे लोगों को व्यवस्था का दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिये। कानून मंत्री ने उच्चतम न्यायालय में ‘न्यायपालिका और बदलती दुनिया’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन 2020 में कहा कि लोकलुभावनवाद को कानून के तय सिद्धांतों से ऊपर नहीं होना चाहिये।

प्रसाद ने कहा कि शासन की जिम्मेदारी निर्वाचित प्रतिनिधियों और निर्णय सुनाने का काम न्यायाधीशों पर पर छोड़ देना चाहिये। उन्होंने कहा कि यह वैश्विक चुनौतियों का समय है। हम संकल्प की तलाश कैसे करते हैं? यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न बना हुआ है। मेरा स्पष्ट मत है कि एकमात्र कानून के शासन द्वारा शासित होने के पारंपरिक तरीके पर वापस लौटना ही सही रास्ता है।

बता दें कि इस विश्व स्तरीय सम्मेलन में कई देशों के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य जज और कई हस्तियां शिरकत कर रही हैं। इस अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन में देश की राजधानी में 47 देशों के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस) के जज भी भाग ले रहे हैं।

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