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मध्यप्रदेश

इस एक्ट्रेस ने फिल्मी दुनिया से लिया संन्यास, बन गई साध्वी… क्या आपने भी देखी हैं इनकी ये फिल्में

मशहूर अदाकारा इशिका तनेजा ने अब धर्म ओर अध्यात्म की राह पकड़ ली है. इशिका कभी ग्लैमर और फिल्मों की दुनियाका हिस्सा थीं, लेकिन उन्होंने हाल ही में अध्यात्म की ओर कदम बढ़ाया है. पूर्व मिस वर्ल्ड टूरिज्म और मशहूर अभिनेत्री के रूप में पहचानी जाने वाली इशिका ने धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में अपनी नई पहचान बनाई है. ऐसे में इशिका की इस यात्रा ने चर्चा शुरू कर दी है.

इशिका तनेजा ने जबलपुर में द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज से गुरु दीक्षा ली है. इस दौरान वह भगवा कपड़े यानी कि साध्वी के भेष में नजर आईं. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कदम उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ है. इशिका ने कहा, “गुरुजी का आदेश था कि मैं जबलपुर आकर गुरु दीक्षा लूं, इसलिए मैंने यहां आकर दीक्षा ली.”

बचपन से ही धर्म की ओर था झुकाव

इशिका ने बताया कि गुरु जी से गुरु दीक्षा लेना चाहती थी, लेकिन उन्होंने कहा था कि वह उसे जबलपुर में गुरु दीक्षा देंगे. एक्ट्रेस ने धर्म के प्रति अपने समर्पण को व्यक्त करते हुए बताया कि उन्हें हमेशा से अध्यात्म और धर्म में रुचि रही है. हालांकि, यह परिवर्तन अचानक नहीं हुआ बल्कि समय के साथ धीरे-धीरे उनकी सोच और दृष्टिकोण में बदलाव आया. उनका मानना है कि आज के समय में शिक्षित हिंदुओं का धर्म और समाज की उन्नति के लिए आगे आना अत्यंत आवश्यक है. इशिका ने कहा कि बचपन से ही उनका झुकाव धर्म की ओर था, लेकिन उनकी व्यस्त फिल्मी और मॉडलिंग करियर ने उन्हें इस दिशा में काम करने का समय नहीं दिया. ऐसे में अब जब उन्होंने आध्यात्मिक जीवन को अपनाया है, तो वह इसे अपने जीवन का सबसे प्रसन्नता दायक निर्णय मानती हैं.

मिस वर्ल्ड टूरिज्म इंडिया का जीत चुकीं हैं खिताब

इशिका तनेजा ने साल 2017 में मिस वर्ल्ड टूरिज्म इंडिया का खिताब जीता, जिसने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई. मॉडलिंग में सफलता के बाद उन्होंने बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाई. मधुर भंडारकर की फिल्म इंदु सरकार में उनके अभिनय की प्रशंसा की गई. इसके अलावा, उन्होंने वेब सीरीज हद में भी काम किया. हालांकि, अपने करियर के चरम पर रहते हुए इशिका ने ग्लैमर की दुनिया को छोड़ने और आध्यात्मिक पथ पर चलने का निर्णय लिया. उनका कहना है कि धर्म और समाज के लिए काम करना उनके जीवन का एक नया उद्देश्य है.

सनातन धर्म की रक्षा के लिए व्यक्त की थी इच्छा

इशिका तनेजा ने दिल्ली में आयोजित सनातन धर्म संसद में हिस्सा लेकर सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त भी की थी. उन्होंने सनातन बोर्ड का समर्थन किया और कहा कि यदि वह सनातन धर्म की रक्षा नहीं कर सकतीं, तो उन्हें देश की बेटी कहलाने का कोई हक नहीं. उनके इस बयान ने मीडिया और समाज में काफी सुर्खियां बटोरीं.

युवाओं को दिया ये संदेश

इशिका ने युवाओं से धर्म और अध्यात्म के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी में अपार ऊर्जा और समय है, जिसे सही दिशा में उपयोग करने की आवश्यकता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “अभी नहीं तो कभी नहीं”. धर्म और समाज के उत्थान के लिए युवाओं का योगदान महत्वपूर्ण है.

इशिका तनेजा की यह यात्रा ग्लैमर और शोहरत से अध्यात्म और समाजसेवा की ओर एक प्रेरणादायक बदलाव है. उनकी कहानी यह दिखाती है कि जीवन का उद्देश्य केवल भौतिक सुख नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और समाज के प्रति समर्पण भी हो सकता है. धर्म और अध्यात्म को अपनाकर इशिका ने न केवल अपने जीवन को नई दिशा दी है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी दिया है. उनकी यह पहल आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती है कि अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा करना आज के समय में कितना आवश्यक है.

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