ब्रेकिंग
जीवन में भूल से भी न करें ये 4 काम, बढ़ता है कर्ज का बोझ! मुकेश अंबानी की ‘चांदी’, Jio ने इस मामले में Airtel और Vi को पछाड़ा उचित रंगों के इस्तेमाल से सही कर सकते हैं अपने घर का वास्तु…जानें कौन से रंग लायेगें घर में पॉजीटिवि... भागे-भागे फिर रहे हाफिज सईद और मसूद अजहर, मौत से बचने के लिए बिल में घुसे चौसा से लेकर तोतापरी तक, जानिए भारत में मिलने वाले आमों के नाम की दिलचस्प कहानियां इतना मारा, इतना मारा कि बल्ला ही टूट गया, केएल राहुल कर रहे बड़े मैच की घनघोर तैयारी न ऋतिक की वॉर 2, न सनी देओल की लाहौर 1947, बिना बड़े स्टार वाली ये पिक्चर जीत गई सबसे बड़ी जंग मंडप पर रसगुल्ला खाकर दुल्हन बोली- मैं हाथ धोकर आई… फिर पता चला ऐसा सच कि गुस्से में दूल्हे ने फेंका... पत्नी और ससुराल वालों ने किया परेशान, पति ने होटल के कमरे में लगाई फांसी… भाई को भेजी वीडियो पहलगाम के गुनहगारों पर पहला एक्शन, मिट्टी में मिलाया गया आदिल-आसिफ का घर
छत्तीसगढ़

जिस झीरम घाटी के नाम से डर लगता था, वहां आधी रात को गुजरा गृहमंत्री Vijay Sharma का काफिला…

सुकमा। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने सुकमा कलेक्ट्रेट में नक्सली हिंसा प्रभावित संवेदनशील क्षेत्र के जनपद सदस्य, सरपंचों के साथ नक्सली मुक्त बस्तर के निर्माण को लेकर चर्चा की, इस बैठक में कलेक्टर देवेश कुमार और एसपी किरण भी मौजूद थे। 13 अप्रैल को बैठक के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा  सुकमा से निकलते हैं और उस रास्ते से होकर रायपुर रवाना होते हैं। यहां का नाम सुनते ही दिल दहल उठता है। गृहमंत्री सुकमा से झीराम घाटी मार्ग से होते हुए देर रात को रायपुर लौटे गृहमंत्री विजय शर्मा ने झीरम घाटी से रात को गुजरते समय का वीडियो भी शेयर किया है।

झीरम घाटी पर दिन में लोग जाने से कतराते हैं। वहां विजय शर्मा रात में निकले, गृहमंत्री ने आधी रात को जंगल से गुजर कर यह साबित कर दिया कि अब बस्तर में हालात बदल रहे हैं और अब डर नहीं सुरक्षा का विश्वास फैल रहा है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा था कि एक साल के भीतर छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त कर देंगे।

झीरम घाटी, छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में स्थित एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, जो 25 मई 2013 को हुए भीषण नक्सली हमले के लिए कुख्यात है। इस हमले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित 33 लोगों की जान गई थी, जिसमें तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल और नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा शामिल थे।​

झीरम घाटी हत्याकांड छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में एक काला अध्याय माना जाता है। इस घटना ने राज्य और देश को गहरे सदमे में डाल दिया था। आज भी, यह घटना नक्सलवाद की गंभीरता और उससे निपटने की आवश्यकता की याद दिलाती है।​

Related Articles

Back to top button