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आतंकी हमले के बाद पहलगाम में दिखी थोड़ी चहल-पहल, पहुंचने लगे पर्यटक; होटल वाले भी दे रहे ऑफर

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की घटना के बाद देशभर में अभी भी खासा रोष है. आतंकवादियों के खिलाफ एक्शन की मांग भी की जा रही है. हमले के तुरंत बाद पर्यटक घाटी और पहलगाम घूमने आने से दूरी बनाने लगे थे, लेकिन इस वीकंड में यहां पर पर्यटकों की मौजूदगी देखी गई है. अब ऐसा लग रहा है कि यह पर्यटन स्थल अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को फिर से खींचने लगा है.

पहलगाम में पर्यटकों पर किए गए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. लेकिन इस घटना से कुछ दिनों की खामोशी के बाद लोग फिर से यहां पर छुट्टियां मनाने आने लगे हैं. कल शनिवार को छुट्टियां मनाने वाले लोग इस खूबसूरत शहर में लौटते देखे गए. हमले के बाद से ही यह छोटा सा हिल स्टेशन मंगलवार (22 अप्रैल) से गुरुवार तक पूरी तरह से बंद कर दिया गया था.

होटल वाले दे रहे एक के साथ एक फ्री खाना

न्यूज पेपर TOI का कहना है, “कल शनिवार को पर्यटकों को लिद्दर नदी (Lidder River) के किनारे पहलगाम के पॉपुलर “सेल्फी पॉइंट” पर तस्वीरें लेते और सेल्फी लेते देखा गया है. यहां आए ज्यादातर पर्यटकों का कहना है कि चूंकि पहलगाम में पर्यटकों के आने-जाने पर कोई प्रतिबंध या बंदिश नहीं है, इसलिए उन्होंने अपनी छुट्टियों की योजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया है.

पर्यटकों के अनुसार, होटल मालिक भी यहां आने वालों को स्पेशल छूट दे रहे हैं, साथ ही खाने-पीने की कुछ दुकानें तो हर ऑर्डर किए गए खाने के साथ एक खाना फ्री में दे रही हैं. हालांकि पहलगाम का बैसरन को पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित किया गया है, ऐसे में हम पहलगाम में अन्य जगह घूमने गए.

बैसरन छोड़ पहलगाम में कहीं कोई पाबंदी नहीं

यहां आए कोलकाता के जॉयदीप घोष दस्तीदार ने कहा, “हम शुक्रवार को आए और पाया कि यहां सब कुछ सामान्य था. हालांकि अधिकांश बाजार और दुकानें बंद थीं. स्थानीय लोग और सुरक्षाकर्मी बहुत सपोर्टिव रहे. बैसरन के मैदान को छोड़कर, जो पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित है, हमने यहां पर अन्य जगहों का दौरा किया.”

एक अन्य पर्यटक बिहार से आए एक टीचर मृत्युंजय पांडे ने भी कहा कि उनके पास 24-26 अप्रैल तक की बुकिंग थी, लेकिन पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद इसे रद्द कर दिया गया. हालांकि, जब हमें बताया गया कि पहलगाम में पर्यटकों के आने पर कोई रोक नहीं है, तो हमने फिर से प्लान बनाया और शनिवार सुबह यहां आ गए. हम शाम तक वापस चले भी जाएंगे.”

कोलकाता का एक परिवार जो पहलगाम हमले से पहले 21 अप्रैल को ही घाटी में आ गया था, जो सोनमर्ग और गुलमर्ग घूमने के बाद शनिवार को पहलगाम आया था.

सड़कों पर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती

कोलकाता के एक बिजनेसमैन मोहम्मद सफीक, जो अपने परिवार के साथ यहां घूमने आए थे, ने बताया, “उस आतंकी घटना के बाद से यहां के लोग काफी सपोर्टिव हैं. हमें कोई डर नहीं लगा. उन्होंने आगे कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण त्रासदी थी, लेकिन हम सिर्फ इस वजह से ऐसी जगह पर आना बंद नहीं कर सकते.”

हालांकि, कुछ पर्यटकों के आने के बाद भी यहां पर पहले जैसा माहौल अभी नहीं बन सका है. इस प्रसिद्ध पर्यटक स्थल पर अमूमन 3,000 से 5,000 पर्यटक रोजाना आते हैं, लेकिन अभी यह इलाका काफी सुनसान दिख रहा है, सड़कों पर सिर्फ सुरक्षा बल और स्थानीय लोग ही नजर आ रहे हैं. हमले के पांचवें दिन (शनिवार) भी जरूरी सामान बेचने वाली दुकानों को छोड़कर ज्यादातर दुकानें बंद थीं.

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