ऑपरेशन सिंदूर में BSF की जिस महिला जवान ने पाकिस्तान के छुड़ाए थे छक्के, सेना प्रमुख ने उन्हें किया सम्मानित

ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी जम्मू-कश्मीर के परागवाल सेक्टर पहुंचे और वहां परिचालन तैयारियों की समीक्षा की और टाइगर डिवीजन का दौरा किया. इस दौरे के दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सैनिकों की सराहना की.
इस अवसर पर उन्होंने विकसित सुरक्षा गतिशीलता के जवाब में चुस्त और सतर्क रहने के महत्व पर बल दिया. सेना प्रमुख ने भारतीय सेना के साथ बीएसएफ के घनिष्ठ परिचालन एकीकरण की भी प्रशंसा की और अखनूर सेक्टर में अग्रिम चौकियों की रक्षा के लिए सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी और उनकी टीम की बहादुरी की सराहना की. उन्होंने उनकी दक्षता के लिए प्रशंसा पत्र भी प्रदान किया.
जनरल द्विवेदी गुरुवार को जम्मू के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने परगवाल सेक्टर में सेना की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की और टाइगर डिवीजन का दौरा किया.
सेना प्रमुख ने बीएसएफ जवानों को सराहा
सेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान असाधारण साहस का प्रदर्शन करने वाले सैनिकों की सराहना करते हुए कहा कि मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर सेना को हमेशा सतर्क और तैयार रहना चाहिए.
सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (ADGPI) ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस दौरे की जानकारी साझा की.
जनरल द्विवेदी ने BSF के साथ सेना के घनिष्ठ ऑपरेशनल समन्वय की प्रशंसा करते हुए विशेष रूप से सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी की बहादुरी की तारीफ की. नेहा ने पाकिस्तानी चौकी की ओर से गोलीबारी के जवाब में अपने जवानों का नेतृत्व करते हुए जीरो लाइन के करीब तीन दुश्मन चौकियों को सफलतापूर्वक चुप करा दिया था.
सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी को किया सम्मानित
बीएसएफ जम्मू ने एक बयान में बताया कि नेहा के नेतृत्व में छह महिला कांस्टेबलों की टीम ने अग्रिम सीमा चौकी पर भारी गोलाबारी के बीच गन पोजिशन संभालकर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया. इस कार्रवाई से जवानों का मनोबल और उत्साह लगातार बढ़ता गया.
नेहा भंडारी उत्तराखंड की रहने वाली हैं और अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की अधिकारी हैं. उनके दादा भारतीय सेना में, पिता और मां दोनों केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) से जुड़े रहे हैं.
सेना प्रमुख ने पूर्व सैनिकों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर में सशस्त्र बलों को दिए गए सहयोग की भी सराहना की और उन्हें अमूल्य योगदानकर्ता बताया. उन्होंने कहा कि ऐसे समर्पण और साहस से देश की सीमाएं सुरक्षित रहती हैं.