जालंधर की पॉश कॉलोनियों में सड़कें गायब, देखें मुंह बोलती तस्वीरें

जालंधर: शहर में बरसात का मौसम शुरू हो चुका है, जो अब लगातार करीब तीन महीने तक चलेगा। ऐसे में सड़कों की मरम्मत और नए निर्माण कार्य अब बरसात के बाद ही किए जा सकेंगे। इससे पहले कई कॉलोनियों में टूटी सड़कों की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है और बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।
शहर की पॉश कॉलोनियां, जो कभी साफ-सुथरी और व्यवस्थित मानी जाती थीं, अब स्लम एरिया जैसा दृश्य पेश कर रही हैं। सीवर का पानी सड़कों पर भर जाता है और वर्षा कारण बनने वाले कीचड़ से गाड़ियां और पैदल चलने वाले दोनों परेशान हैं।
वार्ड 35 के तहत आती यू कॉलोनी की हालत चिंताजनक है। यहां की सड़कों पर बिछी बजरी बाहर निकल चुकी है और गड्ढों ने सड़कों को पूरी तरह से जर्जर कर दिया है। हैरानी की बात ये है कि यह स्थिति काउंसलर हरशरण कौर हैप्पी के घर के पास भी देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि अगर पॉश कॉलोनीज की सड़कों की हालत ऐसी है, तो बाकी शहर की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
वार्ड 36 के तहत आती फ्रेंड्स कॉलोनी और एसएएस नगर की स्थिति और भी खराब है। यहां की सड़कें पूरी तरह टूटी हुई हैं और पॉश इलाके की जगह अब स्लम एरिया जैसा माहौल बन गया है। बारिश में चलना तो दूर, यहां से वाहन निकालना भी मुश्किल हो गया है। लोगों ने बताया कि उन्होंने खुद मलबा डालकर रास्ता बनाया था, ताकि गुजरने लायक हो सके, लेकिन बारिश ने वह भी खराब कर दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि न तो निगम अधिकारी और न ही हलके का कोई नेता इन इलाकों में आकर हालात देख रहा है। अफसरशाही के समय में तो लोगों की सुनवाई नहीं होती थी, लेकिन अब चुने प्रतिनिधि भी समस्याओं को हल कराने में बेबस दिख रहे हैं।
निगम की बात करें तो स्टाफ की भारी कमी के कारण ज़िम्मेदारियों का भी कोई स्पष्ट बंटवारा नहीं हो पा रहा है। जब बरसात का मौसम जाएगा तो सर्दी आ जाएगी और सर्दी में बनाई गई सड़कें टिकाऊ नहीं रहतीं, जिससे लोगों की परेशानी और लंबी खिंच सकती है। लोगों ने निगम प्रशासन से मांग की है कि मौसम ठीक होते ही सड़कों की मरम्मत और निर्माण को प्राथमिकता दी जाए और समय रहते समाधान किया जाए ताकि आम जनता को राहत मिल सके।